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SC का आदेश एक हफ्ते में तिहाड़ शिफ्ट हो शहाबुद्दीन , वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी सुनवाई.

National.नई दिल्ली, 15 फरवरी = सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली नेता और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को बिहार से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया है । शहाबुद्दीन को सिवान से दिल्ली के तिहाड़ जेल में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस अमिताभ राय की बेंच ने ये फैसला किया । कोर्ट ने शहाबुद्दीन को सिवान से एक सप्ताह के अंदर तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया है ।

शहाबुद्दीन का ट्रायल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होगा । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शहाबुद्दीन का तिहाड़ जेल में ट्रांसफर निष्पक्ष और पारदर्शी न्याय के लिए जरूरी है । सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि शहाबुद्दीन से संबंधित सारे मामले चार माह में निपटाएं। सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश देने संबंधी मामले में सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख तय की है ।

17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और तीन बेटों को गंवा चुके चंदा बाबू ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ये मांग की थी कि शहाबुद्दीन को बिहार से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाए ।

इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या संविधान के दिये फेयर ट्रायल का अधिकार सिर्फ आरोपी को ही है ? क्या ये पीड़ित का अधिकार नहीं है ? कोर्ट ने कहा था कि अगर फेयर ट्रायल नहीं होगा तो पीड़ित को भी परेशानी होगी। सुनवाई के दौरान शहाबुद्दीन के वकील ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। अगर उन्हें बिहार की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करते हैं तो उनके अधिकारों का हनन होगा। अगर सारे 45 केस सीबीआई को ट्रांसफर किए गए तो मामले की सुनवाई में और देरी होगी क्योंकि मामलों से सम्बंधित दस्तावेज जुटाने में दो साल लग जाएंगे।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई थी कि जिस तरह पप्पू यादव को बिहार की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में ट्रान्सफर किया गया था और मामले की सुनवाई बिहार में ही हो रही थी उसी तरह शहाबुद्दीन को बिहार से तिहाड़ जेल ट्रांसफर कर मामले की सुनवाई बिहार में ही की जा सकती है और अगर जरूरत होगी हो शहाबुदीन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश किया जा सकता है ।

पिछले साल 7 सितंबर को शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी जिसके बाद वो 9 सितंबर को जेल से बाहर आ गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत रद्द किए जाने की वजह से उन्हें 30 सितंबर को वापस जेल जाना पड़ा था।

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