RTO की मनमानी को लेकर पालघर जिले में ऑटोरिक्शा बेमुद्दत बंद
केशव भूमि नेटवर्क, पालघर (10 नवंबर ) : पालघर जिले में RTO की मनमानी कामकाज को लेकर शुक्रवार से पालघर जिला के,वसई विरार ,नालासोपारा ,सफाले ,पालघर, बोईसर ,दहानू ,मनोर व अन्य जगहों के सभी ऑटोरिक्शा , मिनीडोर रिक्शा बेमुद्दत बंद है जिसके कारण यात्रियों को भारी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है .
पालघर में ऑटोरिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पालघर जिले में RTO अपनी मनमानी से काम कर रही . पहले RTO विरार में नए रिक्शा को पासिंग करती थी . जिसके कारण नए रिक्शा के पासिंग के लिए करीब 70 से 80 किलोमीटर का सफर करके विरार जाना पड़ता है . और कई घंटों लाइन में लगने के बाद आरटीओ अधिकारी यह कहकर हम लोग को वापस भेज देते है कि अब समय खत्म हो गया हैं कल आना .
हम लोग कभी से पालघर में रिक्शा पासिंग और अन्य काम के लिए फिर से कैम्प शुरू करने की मांग कर रहे है लेकिन हमारी मांगो को आरटीओ ने कचरे की टोकरी में डाल दिया .आरटीओ के मनमानी काम काज की हद तब हो गयी जब आरटीओ के अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास विरार में पासिंग के लिए आभी रैक उपलब्ध नही है . और रैक तैयार करने के लीए करीब दो महीने का वक्त लग सकता है और अब आप लोगो को नई रिक्शा पासिंग के लिए कल्याण आना पड़ेगा.
जिसके बाद सभी ऑटो रिक्शा के यूनियन के लोग भडक गए और पालघर जिला के सभी ऑटोरिक्शा के यूनियन के लोग एक साथ मिलकर शुक्रवार से बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नही होती तब तक हम लोग यह हड़ताल खत्म नही करेंगे साथ ही उन्हों ने यह भी कहा कि हमारे रिक्शा के परमिट पर केवल 35 किलोमीटर दूर तक जाने के ये परमिशन रहता है.
ऐसे में अगर कोई ऑटोरिक्शा चालक उससे ज्यादा किलोमीटर का सफर करता है और उसका ऐक्सिडेंट हो जाता है तो बीमा कंपनी व सरकार की तरफ से उसे किए मद्दत नही मिलती अगर इतना दूर जाते समय कोई रिक्शा चालक किसी दुर्घटना का शिकार होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा .
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रिम्शा बंद होने के कारण आम लोगो को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं , खास कर बुजुर्गो और कॉलेज के छात्रों को .