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प. बंगाल : तीन सरकारी समेत आठ अस्पताल हो चुके बंद, सरकार नहीं बता रही मौतों का आंकड़ा

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस की वजह से हालात काफी भयावह होते जा रहे हैं। हालांकि सरकार आधिकारिक तौर पर संक्रमित अथवा मौतों का आंकड़ा बताने में एहतियात बरत रही है। बिगड़े हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोलकाता के तीन बड़े सरकारी अस्पताल आंशिक तौर पर बंद करने पड़े हैं। वहीं हावड़ा का एकमात्र जिला अस्पताल भी बंद है, जबकि चार प्राइवेट अस्पतालों को बंद कर वहां के सभी डॉक्टरों, नर्सों और कर्मियों को क्वॉरेंटाइन करने की नौबत आ गई है। ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि इन अस्पतालों में रोगियों की मौत हुई है जो, कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

ऐसे हालात में राज्य सरकार किस तरह से आंकड़े का खेल कर रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के 8 अस्पताल पूर्ण या आंशिक तौर पर बंद हैं जबकि मरने वालों की संख्या केवल सात है। कायदे से देखा जाए तो जितने भी अस्पतालों को बंद किया गया है उसकी वजह केवल इतनी है कि वहां कोरोना पॉजिटिव लोगों की मौत हुई। ऐसे में मरने वालों की संख्या कम से कम आठ होनी चाहिए लेकिन सरकारी आंकड़ों में वह सात है।

कोलकाता के मशहूर एनआरएस अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी। मरने के बाद उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई और अस्पताल के 79 डॉक्टर और नर्सों को क्वॉरेंटाइन करना पड़ा। अस्पताल को भी आंशिक तौर पर बंद करना पड़ा है। आरजीकर अस्पताल को भी इसी तरह से बंद करना पड़ा क्योंकि वहां साधारण वार्ड में रखकर रोगी का इलाज किया गया और बाद में पता चला कि उसमें कोरोना का संक्रमण है। वह भी तब जब उसकी मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी इसी तरह की स्थिति है। हावड़ा सदर अस्पताल में भी एक महिला की मौत के बाद अस्पताल अधीक्षक और एक चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अस्पताल को सील कर दिया गया है। विधाननगर कमिश्नरेट क्षेत्र के जॉब चारनॉक और आईएलएस अस्पताल में भी कोरोना से रोगियों की मौत के बाद अस्पताल को बंद कर सैकड़ों कर्मचारियों को क्वारेंटाइन किया गया है। पार्क सर्कस के एसएस चटर्जी हार्ट सेंटर में भी इसी तरह से एक रोगी की मौत के बाद अस्पताल को बंद करने की नौबत आई है। एक और प्राइवेट अस्पताल को बंद करना पड़ा है क्योंकि वहां रोगी की मौत हो गई थी और बाद में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। हालांकि लगातार हो रही मौतों के बावजूद सरकार द्वारा जो हेल्थ बुलेटिन जारी किया जा रहा है उसमें कोरोना से मरने वालों की संख्या नहीं बढ़ रही।

कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल को राज्य सरकार ने कोविड-19 के इलाज को समर्पित किया है लेकिन यहां 4 लोगों के शव पिछले तीन दिनों से पड़े पड़े सड़ रहे हैं। आइसोलेशन वार्ड में लोग मर चुके हैं और वहीं दूसरे रोगियों को सड़े गले शव के साथ रखा जा रहा है लेकिन इनका भी कहीं कोई जिक्र नहीं है।

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