NRC पर बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह , किसी के साथ नहीं होगा भेदभाव
नई दिल्ली (3 अगस्त): असम में NRC यानि कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन की दूसरी और आखरी लिस्ट जारी होने के बाद मचे सियासी घमासान पर केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर अपना रुख साफ किया है। विपक्ष के भेदभाव के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि यह ड्राफ्ट असम समझौते के तहत ही बनाया गया है और इसमें किसी के साथ भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है।
बता दें कि राजनाथ ने साथ ही जोड़ा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बने इस ड्राफ्ट में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं उन्हें अपना दावा पेश करने का पूरा मौका दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने कहा कि इस मसले पर बिना वजह माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है, जो सही नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को राज्य सभा में अपने बयान में कहा, ‘ यह फाइनल ड्राफ्ट है न कि फाइनल एनआरसी। 24 मार्च 1971 के पहले से राज्य में रह रहे व्यक्तियों के नाम इसमें शामिल किया गया है।
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गौरतलब है कि जिन लोगों के पास लैंड रिकॉर्ड, पासपोर्ट, बीमा पॉलिसी थी उनका नाम भी एनआरसी में शामिल किया गया है। जिनके पास जरूरी दस्तावेज है उनका नाम किसी भी हालत में नहीं छूटेने दिया जाएगा। बता दें कि अन्य राज्यों के नागरिक जो असम में रह रहे हैं वह भी 1971 के पहले का देश में कहीं का सर्टिफिकेट दिखाने पर एनआरसी में शामिल किए जाने के योग्य माने जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 1985 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के समय शुरू हुई थी।