अब जूट उद्योग को लेकर स्मृति ईरानी ने बंगाल सरकार को घेरा
कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मैदान में कूद पड़ी हैं। उन्होंने दावा किया है कि जूट उद्योग के उत्थान के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से उन्हें अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।
मर्चेंट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित वेबेक्स मीटिंग में ईरानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के साथ वह लगातार संपर्क में हैं। बंगाल सरकार को चिट्ठियां व ई-मेल लगातार दिये गये हैं। उन्होंने खुद बंगाल के वित्त मंत्री और मुख्य सचिव के साथ बात की है। मुख्यमंत्री के साथ बात संभव नहीं हो सकी क्योंकि वह व्यस्त थीं। बावजूद इसके जूट उद्योग के उत्थान के संबंध में उचित प्रतिक्रिया बंगाल सरकार से नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में काफी कुछ राज्य सरकारों पर ही निर्भर करता है।
ईरानी ने यह भी बताया कि सर्टिफाइड क्वालिटी जूट बीज को अभूतपूर्व तरीके से किसानों तक पहुंचाने की योजना है। इसके लिए केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की टीम लगातार समन्वय बनाकर काम कर रही है। बैठक में बंगाल में होशियरी की दुकानों को खोलने को लेकर पूछे गये सवाल पर उनका कहना था कि यह भी बंगाल सरकार पर ही निर्भर है। उनका कहना था कि निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार अपने श्रम कानून में संशोधन कर सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कपड़ा व जूट उद्योग से आग्रह किया कि वह भारत में स्वदेशी मशीनों को विकसित करने की दिशा में आगे आये। कमाई का पैसा वह मशीनरी को उन्नत करने की दिशा में उपयोग करे। इससे लंबी अवधि में उनकी कमाई अधिक भी होगी और लागत भी कम होगी। उन्होंने कहा कि उद्योग में यह सामर्थ्य है कि वह अपने बूते पर आगे बढ़ सके। केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार जूट उद्योग के विकास को प्रतिबद्ध है लेकिन बंगाल सरकार से बेहतर तालमेल नहीं मिल रहा है। (एजेंसी, हि.स.)