निजामुद्दीन मरकज से लौटे 6 लोगों की मौत से हिला तेलंगाना
हैदराबाद । एक दिन पहले रविवार की शाम तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने दावा किया था कि राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति नियंत्रण में है। अगले 8-10 दिन में हम इस महामारी से बाहर आ जाएंगे। उनके इस विश्वास और घोषणा को 24 घंटे भी नहीं बीते कि तेलंगाना में एक के बाद एक 6 मौतों की खबर ने उन्हें सहित पूरे प्रशासन और राज्य की जनता तक को हिला डाला।
सोमवार की रात 12 बजे तक हुई इन मौतों के मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये लोग किसी अस्पताल में भर्ती नहीं थे और न ही इनका कहीं इलाज चल रहा था। ये सब सोमवार को ही अस्पतालों में पहुंचे और रात होते-होते इनकी मौत हो गई।
इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि ये सब 13 से 15 मार्च के बीच नई दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित जमात ए तबलीग मरकज के सम्मेलन में शामिल होकर 18 मार्च को दिल्ली-हैदराबाद एक्सप्रेस से वापस लौटे थे।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुल कितने लोग मरकज के इस सम्मेलन में भाग लेने गए थे, राज्य सरकारों के पास इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। एक अनुमान है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब साढ़े तीन हजार लोग इसमें शामिल हुए थे। तेलंगाना में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के गुंटूर के विधायक के परिजन भी इस मरकज में गए थे, जिनमें से दो को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद के गांधी अस्पताल में दो, अपोलो अस्पताल में एक, ग्लोबल अस्पताल में एक, निजामाबाद सरकारी अस्पताल में एक और गदबल में एक की मौत हुई है। इन सबके प्रकट लक्षण कोरोना के ही थे। हालांकि राज्य सरकार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक प्रतीक्षा करने को कहा है।
इस बीच सोमवार आधी रात को ही राज्य के मुख्यमंत्री ने सारे जिला कलेक्टर को रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। उन्होंने साफ नि्र्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने जिले से इस सम्मेलन में भाग लेने केे लिए जाने वालों की जानकारी हासिल करें और तुरंत उनको क्वॉरेंटाइन किया जाए । सरकार ने साफ तौर पर घोषणा की है कि कोरोना से पीड़ित का इलाज सरकार पूरी तरह मुफ्त कराएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन्हें भी इस बात की जानकारी हो कि उनके इलाके से कौन-कौन निजामुद्दीन के मरकज में गया था, तो उसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन या थाने को दें। इस बीच मरकज से लौटे लोगों की मौत की खबर फैलते ही कुछ जिलों के स्वास्थ्य केन्द्रों में कुछ रोगियों के पहुंचने की जानकारी मिल रही है। ऐसे सब रोगियों को डॉक्टर आइसोलेशन वार्ड में ले जा रहे हैं।