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एमएसएमई क्षेत्र व मजदूरों की मदद के लिए जल्द प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा अतिआवश्यक : चिदंबरम

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कोरोना वायरस ने देश के आर्थिक क्षेत्र को खासा प्रभावित किया है, जिसका असर सबसे ज्यादा लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) और छोटे व्यवसायों पर पड़ा है। साथ ही लॉकडाउन के प्रभाव से बेरोजगारी बढ़ रही है, उद्योग-धंधे वेतन या लागत का भुगतान करने में असमर्थ हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार इस तबके को विशेष प्रोत्साहन पैकेज दे। विपक्षी पार्टी ने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज के माध्यम से इन व्यवसायों को राहत प्रदान कर देश के नागरिकों को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि उन्हें इस लड़ाई में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कल यानी गुरुवार का दिन महीने का आखिरी कार्य दिवस है। ऐसे में देश के 12 करोड़ से अधिक लोगों को इंतजार है कि अप्रैल महीने का उनका वेतना या मजदूरी उन्हें मिलेगी कि नहीं। इस एक विषय को लेकर भारत के कामकाजी लोगों और उनके परिवारों के बीच तनावपूर्ण और बढ़ती अनिश्चितता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 11 करोड़ लोग 6.3 करोड़ लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम से जुड़े हुए हैं। इनमें से ज्यादातर ने अप्रैल में एक भी दिन काम नहीं किया होगा क्योंकि कोविड-19 महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन घोषित था। सवाल उठता है कि बिना आय के ये लोग अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे? लॉकडाउन के कारण अधिकांश नियोक्ता मजदूरी/वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जिस वजह से इन 11 करोड़ लोगों की आजीविका खतरे में है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए नियोक्ता की भी अपनी मजबूरी है क्योंकि उनके विक्रेताओं का भुगतान भी अटका है, जिससे विक्रेताओं को भी परेशानी हो रही है। देश में डांवाडोल होती आर्थिक स्थिति के कारण इनके व्यवसाय का भविष्य भी अनिश्चित है क्योंकि वे नहीं जानते कि आगे इसे जारी रख सकते हैं या स्थायी रूप से बंद करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंन कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को बचाने के लिए यही साहसिक निर्णय लेने का समय ​​है। अगर सरकार व्यवसायियों को मदद कर उन्हें उम्मीद नहीं बधाती है तो सब बंद करने का निर्णय कर सकते हैं।

चिदंबरम ने कहा कि आज के नाजुक हालात में भले सरकार के बाद समय की कमी ना हो लेकिन छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के पास वक्त नहीं है। सरकार को जल्द ही व्यवसायों को बचान के लिए वित्तीय पैकेज या सहायता की घोषणा करनी चाहिए। अन्यथा व्यापारियों/नियोक्ताओं का धंधा बंद होगा तो इससे कर्मचारियों-मजदूरों के वेतन/मेहनताने पर भी रोक लग जाएगी, जिससे पूरा अर्थ चक्र प्रभावित होगा। (एजेंसी, हि.स.)

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