Home Sliderखबरेमध्यप्रदेशराज्य

MP : शराब पीकर गाडी चलाया तो होगी 10 साल की जेल

भोपाल, 17 जनवरी : मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही नई शराब नीति लागू करने जा रही है। इस नई नीति के लागू होते ही स्कूल, कॉलेज, गर्ल्स हॉस्टल, धार्मिक स्थल और पवित्र नदियों के आसपास संचालित की जा रहीं शराब की दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस साल एक अप्रैल से यह नई नीति लागू कर दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में शराबबंदी के लिए पहले भी कई बार घोषणाएं कर चुके हैं लेकिन इस बार वे शराबबंदी नीति लागू करने को तैयार है। हालांकि इसके लिए वह जनआंदोलन की तैयारी कर रहे हैं और लोगों को जनआंदोलन के लिए तैयार करने में जुटे हैं। पहले की घोषणाओं पर नजर डाली जाए तो सीएम ने कहा था कि प्रदेश में शराब बंदी धीरे-धीरे लागू की जाएगी। 

सरकार का यह प्रयास जारी है इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि इस बार शराबबंदी की नई नीति तैयार है। इसमें वाणिज्यिक कर विभाग ने 2018-19 के लिए इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया है। यह ड्राफ्ट अब मुख्यमंत्री के पास पहुंच गया है। इसमें शराब से जुड़े मसले पर कई कड़े कानून बनाने की बात कही गई है।

इन कड़े कानूनों की खबर भोपाल समेत मध्य प्रदेश के उन शहरों के लोगों को राहत देने वाली है, जहां आए दिन लोग कार में बैठकर शराब पीते हैं। स्थिति तब और बिगड़ जाती है, जब ये लोग गर्ल्स होस्टल के पास ही शराब पीते हैं।
ये होगा प्रावधान 

मप्र सरकार की इस नई शराबबंदी नीति में यह प्रावधान भी होगा कि अब कार में बैठकर शराब पीते पाए जाने पर उसे अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा। ऐसे में अपराधियों को सीधे जेल भेजने की तैयारी की जाएगी जबकि वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो स्थिति यह है कि शराब पीकर वाहन चलाने वाले को यातायात नियमों की धारा में जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है। एक अप्रैल से अगर आप शराब पीकर वाहन चलाते पकड़े गए तो सीधे जेल पहुंचेंगे और आप पर कानून की विभिन्न धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह है नई शराब नीति

* नशे में अपराध करने वालों को सजा में अब छूट नहीं मिलेगी।
* अवैध रूप से शराब बेचते पाए जाने पर 10 साल की सजा और दस लाख रुपए का जुर्माना। हालांकि अवैध शराब बेचने वालों को एक माह से

दो साल तक की सजा और एक हजार से 4 हजार रुपए तक का ही जुर्माना लगाया जाता था।
* सीएम की घोषणा के मुताबिक प्रदेश में चल रहे 149 अहाते भी बंद किए जाएंगे।
ये भी जानें

यदि प्रदेश सरकार इस नई शराब नीति को लागू करती है तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार को करीब तीन सौ करोड़ रुपए का नुकसान होगा। स्कूल-कॉलेजों और धार्मिक स्थलों के आसपास की दुकानें हटवाने पर दो सौ करोड़ रुपए के राजस्व की हानि होगी। यही नहीं, पर्यटन निगम के होटल, प्राइवेट होटलों के लिए देय फीस का 50 प्रतिशत का भुगतान करते हैं। जंगल रिसोर्ट बार की वार्षिक फीस दो लाख रुपए रहेगी। (हि.स.)।

Related Articles

Back to top button
Close