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प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर कोर्ट ले स्वत:संज्ञान, सरकार से मांगे जवाब : सिब्बल

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर देशभर में जारी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभाव प्रवासी श्रमिकों की आजीविका पर पड़ा है। वहीं अन्य राज्यों में फंसे मजदूर अपने गृह राज्य जाने को लेकर परेशान हैं। इस बीच सरकारी कोशिशों के बाद भी ज्यादा मौका नहीं मिल पाने की स्थिति में लोग पैदल ही सफर पर निकलने को मजबूर हो रहे हैं और हादसों के शिकार हो रहे हैं। प्रवासी श्रमिकों की इसी बदहाल स्थिति को लेकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से सवाल करना चाहिए।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को ट्वीट कर लिखा, ‘बीस लाख प्रवासी फंसे हैं और घर जाने को बेताब हैं। ज्यादा इंतजार नहीं करने के मूड में नहीं हैं। उनके पास अब पैसे भी नहीं बचे हैं। हर दिन वे मर रहे हैं। बीते दिन दुर्घटना में 26 की मौत हुई, तो रेल हादसे में 16 की जान गई। ऐसे में कोर्ट कब जागेगी और जवाब मांगेगी!’

सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकारों से सवाल करना होगा कि आखिर किस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है कि दिन-प्रतिदिन मजदूरों की जान पर बन आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट सरकार को उसकी जिम्मेदारी का अहसास नहीं कराती है तो डर है कि भविष्य में भी इस प्रकार की अप्रिय घटनाएं होती रहेंगी। (एजेंसी, हि.स.)

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