यादों के झरोखे से: जब नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल जीत दादा ने लॉर्ड्स में लहराई थी शर्ट
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट इतिहास के हिसाब से आज 13 जुलाई का दिन काफी यादगार है। आज ही के दिन 2002 में एक बहुत ही करीबी मुकाबले में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में दो विकेट से मात दी थी।
लॉर्ड्स में खेले गए इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 326 रनों की एक बड़ी चुनौती दी थी। जिसे भारत ने 49.3 में 8 विकेट खो कर हासिल कर लिया था।
दादा ने लॉर्ड्स की बालकनी में लहराई थी अपनी शर्ट
भारतीय टीम की इस जीत को इसलिए भी बहुत खास माना जाता है क्यूंकि टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने इस जीत का जश्न मानते हुए अपनी शर्ट उतार कर लॉर्ड्स की बालकनी में लहराई थी। यह घटना क्रिकेट जगत की सबसे चर्चित घटनाओं में से एक थी।
दरअसल, दादा ने ऐसा इसलिए किया था क्यूंकि कुछ ही महीने पहले भारतीय दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम वन डे सीरीज के आखिरी मैच को एक बहुत करीबी अंतर से जीतने में कामयाब रही थी और यह सीरीज 3-3 से ड्रॉ पर समाप्त हुई। जिसके बाद इंग्लैंड के आलराउंड एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने अपनी शर्ट उतारकर जश्न मनाया था।
युवराज और कैफ के दम पर भारत बना चैंपियन
टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने कप्तान नासिर हुसैन (115) और मार्कस ट्रेस्कोटिक (109) के शानदार शतकों की बदौलत 325 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया था। उस समय इस लक्ष्य को हासिल करना लगभग नामुमकिन माना जाता था।
326 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को कप्तान सौरव गांगुली (60) और वीरेंद्र सहवाग (45) ने शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों ने 106 रनों की बेहतरीन शतकीय साझेदारी की। लेकिन, गांगुली और सहवाग के आउट होने के बाद भारतीय मिडिल ऑर्डर कुछ खास कर ना सका और अनुभवी सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और दिनेश मोंगिया क्रमशः 14, 05 और 09 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए।
जब भारत के हाथ से मैच निकालने वाला था तब युवा युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने टीम को उभारा। दोनों ने छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी कर टीम को खतरे से बाहर निकाला। 267 रनों के स्कोर पर युवराज 69 रन बनाकर कैफ का साथ छोड़ गए, मगर कैफ ने एक छोर संभाले रखा और टीम को तीन गेंद शेष रहते दो विकेट से जीत दिला दी। कैफ छह चौकों और दो छक्कों की मदद से 87 रनों पर नाबाद लौटे थे, जिसके बाद उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था।
इंग्लैंड के ऊपर यह जीत भारतीय टीम की सबसे शानदार जीतों में से एक थी। (एजेंसी, हि.स.)