मायावती बोलीं, कोरोनो के समय दिखी सरकारों की जातिवादी मानसिकता
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर उनको याद किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना की संकट की घड़ी में दलितों, आदिवासियों की दुर्दशा का आरोप लगाया और कहा कि सरकारों की जातिवादी मानसिकता अभी भी नहीं बदली है।
मायावती ने कहा कि अम्बेडकर जयंती पर वह बसपा और करोड़ों फॉलोअर्स की तरफ से बाबा साहेब के प्रति सम्मान व्यक्त करती हैं। बाबा साहेब आंबेडकर ने अपना पूरा जीवन दलित, आदिवासी और हाशिये पर रहने वाले दूसरे समुदायों को सम्मान के साथ जीवन गुजारने पर लगाया। बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने के लिये आज ही के दिन 1984 में बहुजन समाज पार्टी का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से हमारी पार्टी के साथ बाबा साहेब के अनुयायी भी उनकी जयंती घरों में रहकर मना रहे हैं। इसके लिए मैं पूरे तहे दिल से उनका आभार प्रकट करती हूं।
लॉकडाउन में पलायन करने वाले 90 प्रतिशत दलित-आदिवासी
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते देश में विशेषकर दलित, आदिवासी, पिछड़ों व अन्य उपेक्षित गरीब व दयनीय लोगों की दुर्दशा देखने को मिली कि इनके प्रति केन्द्र व राज्य सरकारों की हीन व जातिवादी मानिसकता नहीं बदली है। मायावती ने कहा कि मैं ये दुख के साथ इसलिए कह रही हूं कि कोरोना की महामारी फैलनी शुरू हुई तो केन्द्र ने लॉकडाउन की घोषणा की। तब दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान जैसे राज्यों से रोजी रोटी कमाने गये इन वर्गों के लोगों ने राज्य सरकारों की उपेक्षा देखते हुए पलायन करते हुए अपने राज्यों में वापस आना शुरू कर दिया था। इनमें 90 प्रतिशत लोग दलित, आदिवासी व उपेक्षित वर्ग के थे और 10 प्रति अन्य गरीब वर्ग के थे।
मूल जरूरतों को पूरा करने की नहीं हुई कोशिश
मायावती ने कहा कि ये लोग मूल राज्यों में वापस जा रहे थे। तब वहां की सरकारों ने जातिवादी मानसिकता के कारण मूल राज्यों में जाने से इन्हें नहीं रोका। मूल जरूरतों पूरा करने की कोशिश नहीं की, जिसकी वजह से इन्हें परेशानी हुई। यह बात किसी से छिपी नहीं है। सरकारों ने उचित कदम नहीं उठाया। ऐसी स्थिति में जब ये लोग बड़ी संख्या में पैदल ही निकल पड़े तो सरकारों को कोरोना फैलने की चिन्ता सताई और ट्रकों, बसों से इन्हें भेजवाया। इसके बाद भी इन्हें घरों में न भेजकर अलग ही रखा गया है।
पूंजीवादी ताकतों के बहकावे में आने से हुई दुर्दशा
मायावती ने कहा कि अगर इन दुखी व पीड़ित लोगों ने स्वाभिमान के साथ अपने पैरों पर खड़े होने के लिए हमारी बात मानी होती और पूंजीवादी ताकतों के बहकावों में नहीं आये होते तो ये उनकी ये दुर्दशा नहीं होती। बसपा सुप्रीमों ने कहा कि हमने अपने वर्गों के लोगों को कहा था कि कड़े संघर्षों से दलित, आदिवासियों, पिछड़ों को वोट देने का अधिकार मिला है। इसलिए संगठित होकर केन्द्र व राज्य सरकारों की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी होगी। इनका ध्यान नहीं जा रहा है। इसलिए स्वाभाविक है कि इनकी ऐसी दुर्दशा बनी रहेगी।
आप ने वोट लेकर दिल्ली में नहीं की मदद
बसपा सुप्रीमो ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि इससे सीख लेने की जरूरत है। आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रलोभन देकर वोट तो ले लिया, सरकार बना ली, लेकिन इस जातिवादी और गरीब विरोधी पार्टी ने मुश्किल की खड़ी में मदद करने के बजाय लोगों को परदे के पीछे से आनंद विहार से बसों से मूल राज्यों में जाने को मजबूर कर दिया। अन्य राज्यों में भी यही देखने को मिला। इससे सबक सीखने की जरूरत है।
राज्यों व केन्द्र में दलित हितैषी बसपा की बनाएं सरकार
मायावती ने कहा कि अपने मूल राज्यों में दलित हितैषी अपनी पार्टी बसपा की सरकार बनानी होगी। इसके साथ ही केन्द्र में भी आगे चलकर ये सरकार बनानी होगी, ताकि दुर्दशा न हो।बसपा सुप्रीमो ने सलाह दी है कि अपनी पार्टी के साथ पूरी ईमानदारी, निष्ठा से जड़ें और इसे मजबूत बनाएं क्योंकि बसपा डॉ. अम्बेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से से लगी है।
हमारे स्वार्थी लोगों का हो रहा इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि विरोधी दल परदे के पीछे से हमारे ही स्वार्थी लोगों को इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि अपना हित साधा जा सके। डॉ. अम्बेडकर ने इस वर्ग के उत्थान के लिए कभी अपने ईमान को नहीं बेचा। जिनसे प्रेरणा लेकर अपनी पार्टी के मूवमेंट को आगे बढ़ाना है। दूसरों से मांगने वाला नहीं देने वाला समाज बनना है। यही बाबा साहेब का मूल मंत्र था।
लॉकडाउन में सरकार के निर्देशों का करें पालन
मायावती ने डॉ.अम्बेडकर जयंती के मौके पर पार्टी के सभी जनप्रतिनिधियों, सामर्थ्यवान लोगों से कोरोना को लेकर जरूरतमंद लोगों की मदद करते रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में ये लोग शुरू से ही मेरी अपील पर मदद करते रहे हें। आगे भी करते रहेंगे। जब तक ये बीमारी पूरे देश से खत्म नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर जो भी दिशा निर्देश दिए जायेंगे उन पर भी हमारी पार्टी के लोग अमल करेंगे। इसके साथ ही केन्द्र को खासकार गरीबों कजोर तबको, किसानों, मेहनतकाश लोगों की पूरी मदद का जरूर ध्यान रखना चाहिए।
लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद करे सरकार
मायावती ने कहा कि ज्यादातर लोगों की यह शिकायतें मिल रही हैं कि राशन कार्ड नहीं होने पर उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। सरकार को जल्द इसका हल निकाना चाहिए। लाखों गरीब, मजदूर वर्ग जो अपने घरों के लिए निकल पड़े थे, वह बीच में अटके हैं। उन्हें पेट भर खाना नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में समस्या का सार्थक हल जरूर निकालना चाहिए ताकि ये अपने घरों में सुरक्षित पहुंच सकें। इनकी आर्थिक मदद भी करनी चाहिए।
कोरोना के समय सेवा कर रहे लोगों का करें सम्मान
इसके साथ ही डॉक्टर व मेडिकल टीम, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी और इस दौरान काम कर रहे अप्रत्यक्ष लोगों के हर तरह के बचाव-सुरक्षा के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को तत्पर रहना चाहए। वहीं इनसे सेवा ले रही जनता को भी इनके सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। मायावती ने कहा कि बसपा अनुयायियों से अपील है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि उनका कोई भी पड़ोसी भूखा न रहे। वह अपने भोजन से भी उसके लिए इंतजाम करें। (एजेंसी, हि.स.)