बिना गारंटी मिलेगा लोन, शुरू करें अपना कारोबार
नई दिल्ली। भारत सरकार ने एमएसएमई यानी सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए नई योजना की शुरुआत की है. इस योजना के अंतर्गत इन उद्योगों को बिना गारंटी वाला लोन उपलब्ध कराया जाएगा. यानी अगर बैंक आपका बिजनेस प्रोजेक्ट पास कर देता है तो उस पर बैंक गारंटी देने की बाध्यता खत्म हो जाएगी.
इसका मतलब है कि छोटे एवं लघु उद्योगों के लिए बिना गारंटी दिए ही आपको लोन उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार का मानना है कि इस योजना से नए स्टार्टसअप शुरू हो पाएंगे जिससे बड़ी मात्रा में रोजगार उपलब्ध होंगे.
किसी भी कारोबार को बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए लोन लेने की आवश्यकता पड़ती है. इसके लिए बैंक के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, तो वहीं सबसे बड़ी चुनौती बिना गारंटी पर लोन मिलने की होती है. मगर अब इस समस्या का समाधान हो गया है. अब आपको लोन पर गारंटी देने की कोई बाध्यता नहीं होगी.
दरअसल, सरकार की तरफ से एक सबऑर्डिनेट ऋण योजना बनाई जा रही है. इसके तहत बिना गारंटी पर लाखों रुपए लोन आसानी से मिल जाएगा. बता दें कि सबऑर्डिनेट ऋण यानी बिना गारंटी पर लोन देना होता है.
“क्या है योजना”
उद्यम शुरू करने के लिए लोन की आवश्यकता होती है. इसके लिए छोटा उद्यमी बैंकों के पास जाता है जहां पर उसको कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. बैंक अगर उसका प्रस्ताव मंजूर कर लेता है तो भी उसको लोन के लिए गारंटी देनी पड़ती है. इस समस्या को देखते हुए सरकार ने उद्योग के लिए लोन पर गारंटी की शर्त खत्म करने की योजना बनाई है. सरकार का मानना है कि इससे नए उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा.
“योजना का बजट”
सरकार ने इस योजना के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है. इसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को सबऑर्डिनेट ऋण प्रदान किया जाएगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार इस योजना के जरिए लोग अपना बिजनेस शुरू कर पाएंगे.
गौरतलब है कि एमएसएमई के लिए सबऑर्डिनेट ऋण योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है. सरकारी की इस योजना से 2 लाख एमएसएमई इकाइयों को लाभ मिल पाएगा.
वित्त मंत्रालय का कहना है कि अब तक बैंकों की तरफ से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 75 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. इस शत प्रतिशत गारंटी वाली योजना को 1 जून से शुरू किया जा चुका है, जिसके तहत अब तक 32,894.86 करोड़ रुपये वितरित हो चुके हैं.
सरकार की इस पहल से नए स्टार्ट अप्स शुरू करने में मदद मिलेगी. देश में लाखों युवा जो नई उर्जा एवं नए विचारों के साथ अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं उनको प्रोत्साहन मिलेगा. नए स्टार्टअप आने से बहुत सारे नए रोजगार उपलब्ध होंगे. देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.जिसके फलस्वरूप हमारे देश से निर्यात बढ़ेगा जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी.और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो पाएगा. (एजेंसी, हि.स.)