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भारी बारिश से प्रभावित कर्नाटक के तीन तटीय जिले

बेंगलुरु । भारी बारिश के कारण कर्नाटक के तीन तटीय जिलों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शनिवार को भी तीनों जिले की सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखा गया। उत्तर कन्नड़़ जिले में स्कूलों की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं।

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में गुरुवार रात से ही भारी बारिश हो रही है। तेज हवाओं से कई पेड़ उखड़ गए हैं। दक्षिण कन्नड़ जिले में शुक्रवार को 32.4 मिमी बारिश हुई, जिसमें मेंगलुरु, बंटवाल और बेलतंगडी में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश हुई है। नेत्रावती नदी का स्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब है। मछुआरों को सलाह दी गई कि वे अगले दो दिनों तक मछली पकड़ने समुद्र में नहीं जाएं।

उडुपी के जिलाधिकारी जी जगदीश ने शुक्रवार शाम को जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों में शनिवार को भी अवकाश रहने घोषणा की है। इसी तरह, उत्तर कन्नड़ के जिलाधिकारी डॉ. हरीश कुमार ने भी शनिवार को जिले के पांच तटीय तालुकों (कारवार, अंकोला, कुमटा, होन्नावर और भटकल) में सभी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है। उत्तर कन्नड़ के स्कूलों में शनिवार को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित किया गया है। दक्षिण कन्नड़ जिले के जिलाधिकारी सिंधु रूपेश ने शनिवार को जिले के सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की है।

उधर, प्रदेश कांग्रेस ने उत्तर कर्नाटक के बाढ़ और बारिश प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार के खिलाफ पदयात्रा करने का फैसला किया है। यह पदयात्रा घटप्रभा, मलप्रभा, कृष्णा और अन्य नदियों के अतिप्रवाह के कारण प्रभावित कोप्पल, गदग, ​​हावेरी, बागलकोट, बेलगावी और अन्य क्षेत्रों में की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि भारी बारिश और बाढ़ जनित हादसों में मरने वालों की संख्या13 हो गई है। करीबी 150 मवेशी मारे गए हैं और 10,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रदेश में इस साल अगस्त में भारी बारिश के बाद 22 जिलों में बाढ़ आ गई, जिससे वर्षाजनित घटनाओं में 84 लोगों की मौत हो गई थी। एक अनुमान के अनुसार लगभग 5.5 लाख एकड़ भूमि जलमग्न हो गई थी, जबकि 2.3 लाख एकड़ में खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं थीं।

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