हरियाणा में दुकानदारों का धंधा चौपट कर रही भाजपा-जजपा सरकार: सुरजेवाला
नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) सरकार पर राज्य के दुकानदारों-व्यवसाइयों को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कम्पनियों को हरियाणा में व्यवसाय करने की अनुमति देकर खट्टर सरकार अपने राज्य के व्यापारियों के साथ धोखा कर रही है।
शनिवार को सुरजेवाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देशभर में सात करोड़ और हरियाणा में 10 लाख व्यापारी-दुकानदार हैं, जो लॉकडाउन की स्थिति में बुरे दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से उन्हें मदद पहुंचाने के बजाय सरकारें ई-कॉमर्स एवं ऑनलाइन कम्पनियों को व्यवसाय करने का प्रस्ताव देकर अपने ही लोगों को छलने का काम कर रही हैं। उन्होंने खास तौर पर हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राज्य के 10 लाख दुकानदारों का धंधा चौपट कर ई-कॉमर्स कंपनियों के एजेंट के तौर पर काम कर रही हैं।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर इन सबमें उन दुकानदारों का क्या दोष है, जो बिजली के फिक्स चार्जेज व कॉमर्शियल हाउस टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। सरकार के कहने पर कर्मचारियों की तन्ख्वाह भी दे रहे हैं। उस पर यथाशक्ति गरीबों को भोजन व दानराशि देकर भी सहायता कर रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें सरकार से परेशानी ही मिल रही है। जबकि उनका लाखों-करोड़ों का माल दुकानों-गोदामों में बंद पड़ा है, जो समय के साथ खराब ही हो रहा है।
कांग्रेस नेता ने रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की बातों का जिक्र करते हुए कहा कि एसोसिएशन ने कहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी 25 प्रतिशत दुकानें बंद हो जाएंगी। ऐसे में अगर देश की सात करोड़ में से 25 फीसदी दुकानें तथा हरियाणा में दस लाख में से ढाई लाख दुकानदार व्यवसाय खो बैठेंगे तो इन लोगों और उनके परिवार का गुजारा कैसे होगा। उन्होंने कहा कि रिटेलर एसोसिएशन ने तो यह भी कहा है कि 51 फीसदी दुकानदार अगले एक साल तक शायद एक रुपये भी मुनाफा न कमा पाएं।
उन्होंने खट्टर-चौटाला सरकार से सवाल किया कि क्या 10 लाख दुकानदारों के पेट पर लात मारकर 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स एवं ऑनलाइन कंपनियों को व्यापार करने की अनुमति देना सही है या साजिश? क्या राज्य सरकार दुकानदारों के बिजली के फिक्स चार्जेज व कॉमर्शियल हाउस टैक्स को माफ कर जीएसटी में विशेष छूट देगी? उन्होंने पूछा कि आखिर भाजपा-जजपा सरकार व्यापारियों-दुकानदारों पर कुठाराघात क्यों कर रही है?
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के परिवेश में आढ़ती और किसानों का रिश्ता दशकों पुराना है। आढ़ती किसान का चलता-फिरता बैंक है, जहां रोजमर्रा की जरूरत के लिए पैसे का आदान-प्रदान होता रहता है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने 13 और 16 अप्रैल को तुगलकी फरमान निकालकर आढ़तियों को सात प्राइवेट बैंकों में खाता खुलाने का आदेश दिया। साथ ही कहा गया कि इन्हीं खातों के माध्यम से ही गेहूं, सरसों व अन्य फसलों की पेमेंट की जाएगी। इन फरमानों पर सवाल उठता है कि आखिर सरकार निजी बैंकों, जिसमें डूबते यस बैंक भी शामिल है, की एजेंट की तरह एकतरफा मनमाना आदेश क्यों दे रही है?
उन्हेांने कहा कि एक अन्य मुद्दा यह भी है कि जब पहले से ही आढ़तियों के सरकारी व अन्य बैंकों में वर्षों से चल रहे खातों में बैंक लिमिट है, तो अब उन खातों का क्या होगा? और नए खातों की बैंक लिमिट कैसे मिल पाएगी? उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि खट्टर सरकार किसानों, दुकानदारों और आढ़तियों के साथ इस ज्यादती का जवाब दे। (एजेंसी, हि.स.)