खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए नौसेना ने तीन युद्धपोत रवाना किए
नई दिल्ली । खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद नौसेना ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। मालदीव और यूएई से भारतीयों को लाने के लिए तीन जहाज भेजे गए हैं जो नागरिकों को लेकर समुद्री मार्ग से कोच्चि लौटेंगे।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के कारण मालदीव और यूएई में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भेजे गए तीन युद्धपोतों में आईएनएस जलाश्व, आईएनएस मगर और आईएनएस शार्दुल शामिल हैं। आईएनएस जलाश्व विशाखापत्तनम से कुछ दिन पहले पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक गया था। खाड़ी और अन्य देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कुल 14 युद्धपोतों को तैयार किया गया है।
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान, बहरीन, क़तर में लाखों भारतीय काम करते हैं। वे ज़्यादातर मज़दूर हैं। वे सभी वहां फंस गए हैं। सरकार को खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने की व्यवस्था करने और दूसरी ज़रूरी सुविधाएं पहुंचाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी। इस पर उस समय सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा था कि अभी हालात ठीक नहीं हैं, इसलिए जो जहां है, वह फिलहाल वहीं रहे। हालात सामान्य होने पर भारत सरकार खाड़ी देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए उचित समय पर फैसला लेगी। इसके बाद खाड़ी देशों में फंसे लोगों को निकालने के लिए सरकार ने नौसेना को योजना बनाने के निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट में 28 अप्रैल को भी सऊदी अरब में करीब 250 से ज्यादा गर्भवती नर्सों और डॉक्टरों के फंसे होने की जानकारी देकर बताया गया कि सऊदी अरब में कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है। इन नर्सों और डॉक्टरों ने मार्च और अप्रैल महीने में भारत लौटने की योजना बनाई थी लेकिन सभी फ्लाइट निरस्त होने की वजह से वे सऊदी अरब में ही फंसे हुए हैं।
विदेश मंत्रालय के दूतावास और उच्चायोग ऐसे व्यथित भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं। इस सुविधा के लिए यात्रियों को भुगतान देना होगा। हवाई यात्रा के लिए गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों का इंतज़ाम होगा। यह यात्राएं 7 मई से चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ होंगी। विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय शीघ्र ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी वेबसाइट द्वारा साझा करेंगे। राज्य सरकारों को वापसी करने वाले भारतीयों के परीक्षण, क्वारंटाइन और अपने राज्यों में आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी जा रही है।