सरकार ने सीटी स्कैन का दर किया निर्धारित, अब किफायती दाम में जांच , महाराष्ट्र बना पहला राज्य
मुंबई – इस कोरोना काल में मरीजों को किफायती दर में उपचार मिले इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार एक के बाद एक सराहनीय निर्णय ले रही है। सरकार ने अब हाई रेजोल्यूशन सीटी स्कैन-चेस्ट की दरों में भारी कटौती करते हुए कैपिंग कर दी है। इससे महाराष्ट्र में रहनेवाले लोगों बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
महंगे ट्रीटमेंट और ओवरचार्जिंग को लेकर निजी अस्पताल की इमेज लोगों में काफी खराब हो चुकी है। खासकर कोरोना काल में मरीजों को इलाज के नाम पर भारी भरकम बिल थमा दिए गए। ऐसे में उद्धव सरकार ने पहले तो कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट को लेकर बेड्स चार्जेस निर्धारित कर दिए। उसके बाद कोरोना मरीज के परिजनों से प्लाज़मा के लिए 10 हजार से 12 हजार रुपए चार्ज करने की बात सामने आई।
कई मरीज प्लाज़मा के अधिक दाम होने के कारण इलाज के उक्त विकल्प से वंचित भी रह गए। ऐसे में गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने प्लाज़मा के दाम पर भी कैपिंग कर दी। अब राज्य में 5500 रुपए (200मिली) प्लाज़मा की दर निर्धारित की गई है। यदि कोई ब्लड बैंक मरीज के परिजन से अधिक पैसे लेता है तो उसे पैसे लौटाने होंगे। यदि पैसे नहीं लौटाए तो ब्लड बैंक का लाइसेंस भी रद्द करने की बात कही है।
आजकल गंभीर रोग के निदान के क्लियर सीटी स्कैन जांच आम बात हो गई है, लेकिन इस जांच के लिए निजी अस्पतालों और परीक्षण केंद्रों द्वारा मरीजों से 6 हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक भी वसूले जाते हैं। सीटी स्कैन के महंगे रेट्स के कारण गरीब मरीज मनपा अस्पतालों के रुख करते हैं, जांच के लिए मरीजों की संख्या इतनी हो जाती है कि 15 दिन से एक महीने लोगों को अपने नंबर आने का इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले जीवनदायी आरोग्य योजना के सीईओ डॉ. सुधाकर शिंदे की अध्यक्षता वाली एक समिति बनाकर सीटी स्कैन के रेट्स निर्धारित करने का आदेश दिया।
समिति ने रेट्स तय कर दिए और सरकार ने गुरुवार को सीटी स्कैन जांच की दर पर कैप लगाने को लेकर एक परिपत्रक भी जारी कर दिया है। डॉ. सुधाकर शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जिसने सीटी स्कैन के रेट्स पर भी कैपिंग कर दी है। इस फैसले से मरीजों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि सीटी स्कैन के रेट्स में 50 फीसदी से अधिक की कटौती की गई है।
मनपा व सरकारी अस्पतालों का बोझ होगा कम
जेजे अस्पताल के पूर्व डीन और डायरेक्टरेट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने बताया कि निजी परीक्षा केंद्रों में सीटी स्कैन के महंगे रेट्स के कारण लोग मनपा व सरकारी अस्पतालों के रुख करते हैं, जिसके चलते अस्पताल पर बढ़ती संख्या का बोझ बढ़ जाता है। सरकार के इस निर्णय से सरकारी व मनपा अस्पतालों पर से बोझ कम होगा, क्योंकि अब लगभग उतने ही दाम में निजी परीक्षा केंद्रों में भी जांच हो जाएगी।
सीटी स्कैन के नए रेट्स
स्लाइड रेट्स
16 से कम 2000 / मल्टी डिटेक्टर 2500 16 से 64 / मल्टी डिटेक्टर 3000
64 से अधिक