भगोड़ों का लोन माफ करना और उनका साथ देना भाजपा का मूलमंत्र : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर आम जनता की समस्याओं का समाधान निकालने के बजाय बैंक डिफॉल्टरों की मदद करने को तरजीह देने का आरोप लगाया है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि बैंक लुटेरों द्वारा ‘पैसे लूटो, विदेश जाओ, लोन माफ करवाओ ट्रेवल एजेंसी’ का पर्दाफाश हो गया है। भगोड़ों का साथ और भगोड़ों का लोन माफ करना ही भाजपा का मूलमंत्र बन गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश इस समय कोविड-19 महामारी के संकट से जूझ रहा है। उस पर लॉकडाउन की व्यवस्था से लोगों के रोजगार, व्यावसाय एवं आजीविका प्रभावित हुई है। ऐसे में लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के बजाय केंद्र सरकार द्वारा 50 बैंक डिफॉल्टरों का लोन माफ करना किस प्रकार से तार्किक कदम है। उन्होंने कहा कि बैंक लुटेरों द्वारा ‘पैसे लूटो, विदेश जाओ, लोन माफ करवाओ ट्रेवल एजेंसी’ का पर्दाफाश हो गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा भगोड़ों का लोन माफ उनके साथ खड़ी है।
सुरजेवाला ने कहा कि बीते 16 मार्च, 2020 को राहुल गांधी ने संसद के पटल पर मोदी सरकार से देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटालेबाजों के नाम पूछे थे। तब वित्तमंत्री और सरकार ने षड़यंत्रकारी चुप्पी साधकर नामों को जगजाहिर करने से इंकार कर दिया। हालांकि 24 अप्रैल, 2020 को आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपये माफ करने की बात स्वीकार कर ली। इसमें सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बड़े घोटालेबाजों की सूची में पहला नाम मेहुल चौकसी और नीरव मोदी की जोड़ी का है। जिनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्र ब्रांड्स का 8048 करोड़ रुपया मोदी सरकार ने माफ किया। इसके अलावा मोदी/मेहूल के साथ गुजरात के एक और भगोड़े जौहरी जतिन मेहता की कंपनियों विन्सम डायमंड्स एवं फॉरेवर प्रिशियस ज्वेलरी का 6048 करोड़ रुपये का बैंक लोन राइट ऑफ (माफ) कर दिया गया। वहीं तीसरे भगोड़े विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर्स एयरलाइन्स का करीब 1950 करोड़ रुपया माफ किया गया। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की जनता को बताएंगे इस बैंक डिफाल्टरों के लोन माफी की असीम कृपा के पीछे क्या कारण है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। रोजी-रोटी की मार झेलते हुए करोड़ों मजदूर पलायन को मजबूर हुए हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार 14 करोड़ लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं। 113 लाख फौजी/जवानों, मिलिट्री पेंशनरों तथा सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रुपया महंगाई भत्ता काट दिया गया है। सभी सरकारी व प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों, कंपनियों और व्यवसाइयों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए हजारों करोड़ रुपया दान ले लिया गया है। ऐसे में शर्म की बात ये है कि लोगों को ईमानदारी टैक्स भरने आदि के लिए प्रेरित करने वाली मोदी सरकार जरूरत के समय उनके बजाय लुटेरों को मदद पहुंचाने में लगी है।
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने 2014-15 से सितंबर 2019 तक बैंक घोटालेबाजों का 6 लाख 66 हजार रुपया माफ किया है। इनमें से 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटालेबाजों के बैंक लोन माफी की राशि 5 लाख 10 हजार करोड़ रुपया है। इसी साढ़े पांच साल के कार्यकाल में 32868 बैंक लोन फ्रॉड के केस सामने आए, जिसमें आम जनता के 2,70,513 करोड़ रुपया डूब गया। ऐसे जब सरकार लोगों की गाढ़ी कमाई से बैक घोटालेबाजों को राहत देने का काम कर रही है तो फिर वो किस मुंह से सैनिकों, पेंशनरों व सरकारी कर्मचारियो के महंगाई भत्ते को काटकर कोरोना से जंग लड़ने की बात कह रही है। सरकार को अपनी मंशा और करतूतों को लेकर जनता के प्रति ईमानदार होना होगा। (एजेंसी, हि.स.)