आपदा की इस घड़ी में केंद्र जल्द तैयार करे राष्ट्रीय योजना : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी को लेकर देशभर में जारी लॉकडाउन से प्रभावित होते लोगों की स्थिति पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से जल्द राष्ट्रीय योजना तैयार करने को कहा है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-11 कहती है कि पूरे देश के आपदा प्रबंधन के लिए एक योजना बननी चाहिए लेकिन कोविड-19 को लेकर अब तक कोई योजना नहीं बनी है। उस पर राष्ट्रीय आपदा अधिनियम की धारा 6(i) और 10 (l) के तहत लॉकडाउन प्रभावी है, जिस कारण पूरा देश थम सा गया है। ऐसे में आवश्यक है कि सरकार जल्द निर्णय करे ताकि लोगों को राहत मिल सके।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम में आपदा से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करने की बात कही गई है लेकिन लॉकडाउन के दौरान अब तक सरकार की तरफ से इसका कोई संकेत नहीं आया है। उन्होंने कहा कि देश हमेशा के लिए लॉकडाउन में नहीं रह सकता। ऐसे में उम्मीद है कि सोमवार को मुख्यमंत्रियो के साथ बैठक में प्रधानमंत्री एक राष्ट्रीय योजना सामने रखेंगे। क्योंकि राष्ट्रीय रणनीति तैयार नहीं होने तक धारा-23 के तहत राज्य सरकारें भी अपनी कोई योजना नहीं बना सकती हैं। उन्होंन कहा कि सरकार को कोरोना के प्रकोप का अंदाजा नहीं था, इसलिए कुछ कदम आनन-फानन में उठाए गए लेकिन अब काफी समय निकल चुका है। अब सरकार को मेडिकल से लेकर मानवीय स्तर पर कुछ अच्छे और कड़े निर्णय लेने होंगे।
मनीष तिवारी ने कहा कि वर्तमान में देश के सामने टेस्टिंग ही एकमात्र कारगर उपाय बचा है जिसके जरिए कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ा जा सका है। उस पर भी भारत में टेस्टिंग बहुत कम है। 30 जनवरी से 26 अप्रैल तक 5 लाख 80 हजार टेस्ट किए हैं। जो पड़ोसी देशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े संगठन रोजाना एक लाख टेस्ट करने की बात कह रहे हैं, मगर हम 39 हजार टेस्ट ही कर रहे हैं। अगर हमारी क्षमता एक लाख टेस्ट करने की है, तो टेस्ट की संख्या कम क्यों रखी गई? क्या सरकार को परिणाम विपरीत आने पर उनसे निपटने में कोई अंदेशा है? उन्होंने यह भी काहा कि एक सूचना के मुताबित हमारे पास मात्र 3 लाख आरएनए किट है, मतलब हम सिर्फ एक सप्ताह तक टेस्ट कर सकते हैं। आखिर ये स्थिति क्यों आई? सरकार को किट की खरीददारी, उपलब्धता और राज्यों-जिला प्रशासन को सप्लाई के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।
लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर दुख व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आज भी 41 लाख से ज्यादा मजदूर सरकारों के सेंटर में हैं। 99 लाख मजदूरों को एनजीओ या अन्य संगठन खाना खिला रहे हैं। इन मजदूरों को घर भेजने को लेकर सरकार क्या पहल कर रही या फिर उसकी क्या नीति है, यह भी सरकार को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र इसी प्रकार से देरी करता रहा तो जल्द ही राज्यों के पास धन की कमी होगी। हालांकि अभी से कुछ राज्य पैसों के कमी की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में पंजाब को सिर्फ 71 करोड़ रुपया केंद्र की तरफ से मिला, ऐसे में राज्यों में किस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी को स्पष्ट उत्तर के साथ सामने आना होगा कि केंद्र सरकार राज्यों की मदद करेगी या नहीं और अगर करेगी तो किस हद तक। (एजेंसी, हि.स.)