हिंसा के विरोध में दिल्ली पीस फोरम ने संसद तक किया मार्च
नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की आड़ में गत दिनों दिल्ली में भड़की हिंसा के विरोध में ‘दिल्ली पीस फोरम’ ने शनिवार को संसद तक शांति मार्च निकाला। हिंसा में शहीद दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल, आईबी के जवान अंकित शर्मा और विनोद कश्यप सहित अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने वालों में भाजपा नेता कपिल मिश्रा, पूर्व लेफ्टिनेंट जरनल कोहली और जनरल विष्णुकुमार चतुर्वेदी, पूर्व चीफ सेकेटरी आंनद बक्शी के अलावा कई सेना के अधिकारी शामिल थे।
‘दिल्ली पीस फोरम’ के बैनर तले सेना के पूर्व अधिकारी, हिंसा में घायल लोग, विश्वविद्यालय के शिक्षक, समाज सेवी संगठन व अऩ्य लोग शामिल थे। यह मार्च जंतर-मंतर से शुरू होकर जनपथ रोड, कनॉल प्लेस इनर सर्किल के रास्ते रीगल सिनेमा होते हुए संसद मार्ग थाना तक पहुंचा जहां फोरम की ओर से संसद थाने में इस बाबत एक एक ज्ञापन भी सौंपा गया। यह लोग मार्च के दौरान करीब 50 मीटर लंबा तिरंगा लेकर चल रहे थे। मार्च में शामिल लोग हाथों में ‘दलित विनोद को क्यों मारा’, ‘अंकित शर्मा की तरह हम भी बहादुर बनेंगे’, ‘पेट्रोल बम और ग्रेनड कहां से आये’ आदि लिखी तख्तियां लिए हुए थे। साथ ही वर्दी के ‘सम्मान में-देशभक्त मैदान में’ भारत माता की जय..आदि के नारे भी लगा रहे थे।
इससे पहले फोरम के मंच से दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर व सोशल एक्टिविस्ट प्रेऱणा महलोत्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बीते दिनों जिस तरह पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हिंसा भड़की थी और कई लोगों की जान गई थी, उससे साफ है कि दंगाइयों की तैयारी बीते 15 दिसंबर से ही चल रही थी। इसकी साजिश आम आदमी पार्टी से निष्कासित ताहिर हुसैन के घर में रची गई थी। उन्होंने कहा कि हिंसा में मारा गया आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज का स्टूडेंट था। उसने 2010 से 13 तक वहां पढ़ाई की थी। उसे हमने पढ़ाया था और दो साल पहले ही वह आईबी में नियुक्त हुआ था। उसके घर में खुशियां थी। घर वाले कह थे कि उसके रिश्ते आ रहे थे लेकिन क्या पता कि उसी के घर के पास जेहाद की फैक्टरी चल रही है जहां उसे ले जाकर जेहादियों ने बेरहमी से मार डाला। इसके अलावा हिंसा में घायल लोगों ने भी मंच से अपनी आपबीती बयां की।