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कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला

नई दिल्‍ली। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतें न्यूनतम स्तर पर हैं लेकिन भारत सरकार इस पर अतिरिक्त कर लगाकर अपने लोगों को परेशान करने से बाज नहीं आ रही। पूरा देश कोरोना संकट और लॉकडाउन की समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में लोगों को राहत देने के बजाय केंद्र सरकार रात के अंधेरे में लोगों के खून-पसीने की कमाई को लूटने में लगी है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 130 करोड़ भारतीय कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, रोजी-रोटी की मार झेल रहे हैं, आर्थिक संकट से घिरे हुए हैं। इसके बावजूद केंद्र की मोदी सरकार उन्हें आर्थिक मदद पहुंचान के बजाय अपना कोष भरने में लगी है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर भाजपा सरकार मुनाफाखोरी कर रही है। विपदा के समय टैक्स लगाकर देशवासियों की कमाई को लूटना आर्थिक राजद्रोह है, देशद्रोह है।

सुरजेवाला ने कहा कि इस समय दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं लेकिन भाजपा सरकार मुनाफाखोरी और जनता से जबरन वसूली की मिसाल पेश करने में लगी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जनता का खून चूसकर अपना खजाना भरना कहां तक सही है? उन्होंने कहा कि इस साल 14 मार्च को पेट्रोल-डीजल पर तीन रुपये का अतिरिक्त टैक्स लगा था। फिर बीते दिन पांच मई को पेट्रोल-डीजल पर क्रमशः 10 रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर उत्पादन शुल्क बढ़ा दिया गया। इस तरह पिछले 48 दिन में मोदी सरकार ने डीजल पर 16 रुपये और पेट्रोल पर 13 रुपये का अतिरिक्त टैक्स लगाया। ऐसे में अकेले इस टैक्स बढ़ोतरी से ही केंद्र की मोदी सरकार जनता की जेब से 1,40,000 रुपये सालाना लूटेगी।

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि जब चार मई को कच्चे तेल की लागत 1772 रुपये प्रति बैरल यानि 11.14 रुपये प्रति लीटर है तो फिर देशवासियों को 71.26 रु. प्रति लीटर (पेट्रोल) व 69.39 रु. प्रति लीटर (डीजल) क्यों बेचा जा रहा है? उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले साढ़े पांच साल में डीजल में टैक्स वृद्धि 28.17 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर टैक्स वृद्धि 23.50 रुपये प्रति लीटर की है। ऐसे में क्या मोदी सरकार इस मुनाफाखोरी का कारण बताएगी?

उन्होंने कहा कि केंद्र ने 2014-15 से 2019-20 तक 12 बार पेट्रोल व डीजल पर टैक्स बढ़ाकर 130 करोड़ भारतीयों से 17 लाख करोड़ वसूले हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इस जबरन वसूली का पैसा कहां गया, क्योंकि जनता को तो कोई राहत मिल नहीं रही है। (एजेंसी, हि.स.)

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