नई दिल्ली । भारत में शुक्रवार को कोविड-19 पर सार्क आपातकालीन कोष में पाकिस्तान के देर से किए गए योगदान पर कटाक्ष किया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि प्रत्येक राष्ट्र की गंभीरता का अंदाजा उनके व्यवहार से लगाया जा सकता है। इसके अलावा भारत ने जवाब दिया कि सार्क चार्टर व सचिवालय सार्क आपातकालीन निधि पर लागू नहीं होगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्येक सार्क सदस्य देश अपने सार्क कोरोना आपातकालीन प्रतिक्रिया निधि प्रतिबद्धताओं के समय, तरीके और कार्यान्वयन के बारे में स्वयं निर्णय लेगा।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने कोविड-19 से निपटने के लिए सार्क आपातकालीन निधि से 3 मिलियन डॉलर की सहायता मांगी है। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्येक सार्क सदस्य देश को अपनी सार्क कोविड आपातकालीन प्रतिक्रिया निधि प्रतिबद्धताओं के समय, तरीके और कार्यान्वयन के बारे में निर्णय लेना है। जहां तक भारत का संबंध है, प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रतिबद्धता आज कार्यान्वयन के एक अगले चरण में है। सामग्री और सेवाओं से जुड़ी सहायता अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका तक पहुंच गई है। इन सार्क देशों ने भी कोष के लिए प्रारंभिक प्रतिबद्धताएं बनाई हैं। प्रत्येक राष्ट्र की गंभीरता का अंदाजा उनके व्यवहार से लगाया जा सकता है।