कोरोना संकट में देश ने दिखाया दम
रमेश सर्राफ धमोरा
कोरोना महामारी के चलते जहां पूरी दुनिया डरी नजर आ रही है, भारत मजबूती से इसका मुकाबला कर रहा है। पूरे भारत में लॉकडाउन है तथा देश की जनता पिछले एक महीने से सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन की पूरी शिद्दत से पालना कर रही है। इस दौरान भारत के 135 करोड़ लोगों ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि संकट के समय देश का हर नागरिक पूरी एकजुटता के साथ सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकता है। इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश के लोगों ने दिखा दिया है कि भारत की जनता कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का पूरी शक्ति से मुकाबला करने में सक्षम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 24 मार्च को 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की थी तब लोगों को लगा था कि अचानक यह कैसा फैसला उनपर थोप दिया गया है। मगर समय बीतने के साथ ही जब लोगों को कोरोना की भयावहता का अहसास हुआ तो संपूर्ण देशवासियों ने एक सुर में प्रधानमंत्री के फैसले का समर्थन करने के साथ ही सहयोग देने का दृढ़ निश्चय किया। उसी का परिणाम है कि पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से देश में लॉकडाउन लागू है। 14 अप्रैल की रात को लॉकडाउन का प्रथम चरण समाप्त होने के पूर्व ही प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी 3 मई तक दूसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। तब भी देश की जनता ने प्रधानमंत्री के फैसले का पूरा समर्थन किया।
जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रही थी उसी दौरान केन्द्र सरकार ने तात्कालिक कदम उठाते हुए उसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए। देश में पहली बार पूर्ण रूप से घरेलू व विदेशी हवाई सेवा पर रोक लगायी। साथ ही रेल व बसों के परिचालन को भी रोका गया। सरकार ने लॉकडाउन लागू करते ही अन्य प्रदेशों में रोजगार के लिये गए मजदूरों व अन्य लोगों को जहां हैं, वहीं रहने को निर्देशित किया तथा उनके रहने खाने की संपूर्ण व्यवस्था करवाई। आज देश के कई लाख लोग अपने घरों से दूर दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए हैं। अपने घरों से दूर विपरीत परिस्थितियों में फंसे लोग भी सरकार के फैसले के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। कुछेक स्थानों को छोड़कर देश में कहीं भी लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों ने अपने घर जाने के लिए कोई जोर जबरदस्ती या हिंसात्मक रवैया नहीं अपनाया। सभी लोगों ने इस बात को माना कि सामूहिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन के कारण कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलेगा। इसलिए बेहतर यही होगा कि सरकारी निर्देशों की पालना करते हुए जो जहां है वही रूके रहें। जिससे कोरोना का संक्रमण रोका जा सके।
कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने भी पूरी शक्ति लगा रखी है। लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही केंद्र सरकार ने कोरोना से मुकाबला करने के लिए चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिये तत्काल 15 हजार करोड़ रुपए की राशि मंजूर की। जिससे कोरोना की रोकथाम के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयां व चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद की जा सके। लॉकडाउन के कारण रोजगार से वंचित जरूरतमंद लोगों के लिए सरकार 3 माह तक प्रति व्यक्ति 5 किलो निःशुल्क राशन सामग्री उपलब्ध करवा रही है। जरूरतमंद लोगों के बैंक खातों में नगद राशि भेजी जा रही है। केंद्र सरकार ने गरीब तबके की सहायता के लिए 1 लाख 70हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज देने की घोषणा की। वहीं विभिन्न सरकारी बैंकों में भी एक लाख करोड़ रूपये की राशि निवेश करने का फैसला लिया। जिससे बाजार में नकदी का संकट दूर होगा।
कोरोना से उपचार के लिए देश में हर दिन जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। जनवरी में कोरोना की आहट के समय देश में कोरना की जांच के लिए एक बायो लेबोरेट्री थी जिसकी संख्या आज बढ़कर 300 से अधिक हो गई है। आज देश में जांच के नए-नए साधन काम में लिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर देश में सैकड़ों कारखानों में कोरोना से संबंधित विभिन्न प्रकार के चिकित्सा व सहायक उपकरणों का निर्माण प्रारंभ हो गया है। इससे उनको विदेशों से मंगाने की बाध्यता समाप्त हो रही है। आज देश के अनेक बड़ी-बड़ी कंपनियां विभिन्न प्रकार का चिकित्सकीय उत्पाद का निर्माण करने लगी है जो आने वाले समय में देश के लिए एक शुभ संकेत है। इसे भविष्य में भारत के चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियमित रूप से देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों, चिकित्सकों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, उद्योगपतियों, समाजसेवी वर्ग के लोगों, मीडिया के क्षेत्र से जुड़े लोगों से प्रतिदिन व्यक्तिगत संवाद स्थापित कर कोरोना पर नियंत्रण के लिए उनसे सलाह मशविरा कर उनके सुझाव ले रहे हैं। केन्द्र सरकार उनमें से प्राप्त कई उपयोगी सुझावों को लागू भी कर रही हैं। केंद्र सरकार का राज्य सरकारों से पूरा तालमेल है। केन्द्र सरकार द्धारा आवश्यकता के अनुसार राज्य सरकारों को हर तरह की सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है।
कोरोना से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में केन्द्र सरकार द्धारा अंतर मंत्रालय टीम भेजी गई है। जो उस क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का अध्ययन कर राज्य सरकार से सलाह मशविरा कर कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। जिसके आधार पर केन्द्र सरकार उस क्षेत्र विशेष में अतिरिक्त सहायता उपलब्ध करवायेगी।
भारत में पहली बार इतने लंबे समय का लॉकडाउन है। इससे पहले कभी लोगों ने लॉकडाउन शब्द भी नहीं सुना था। लेकिन फिर भी लोगों ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को मात देने के लिए घरों में रहना मुनासिब समझा। जिसके नतीजे भी अब दिखाई देने लगे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते विस्तार पर रोक लगी है। पहले की तुलना में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आई है। प्रधानमंत्री मोदी का कुशल नेतृत्व व देश की जनता का पूरा सहयोग मिलने से भारत में धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण कमजोर होता जा रहा है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुये कहा जा सकता है कि वह दिन दूर नहीं जब भारत कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को पूरी तरह भगाकर दुनिया को यह दिखा देगा कि सक्षम नेतृत्व व जनता की एकजुटता से भारत हर मुश्किल घड़ी में भी सही सलामत निकल सकता है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)