कांग्रेस का केंद्र पर हमला, कहा- मनरेगा को नकारने वाली सरकार का आधार बनी ये योजना
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी पार्टी का कहना है कि यूपीए सरकार की योजना ‘मनरेगा’ वर्तमान की मोदी सरकार में भी अपनी उपयोगिता साबित करने में सफल रही है। ऐसे में जरूरी है कि केंद्र की ये सरकार ना-नुकुर के बजाय स्पष्ट तौर पर मनरेगा के सर्वविदित सत्य को अपनाए, क्योंकि असमंजस में हो या विफलता में, मनरेगा की प्रशंसा और उसको अपना आधार बनाने के लिए मोदी सरकार मजबूर है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिनेष मनु सिंघवी और मुहम्मद खान ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा केंद्र लगातार मनरेगा की सफलता को नकारता रहा है, इसके सच को स्वीकार करने से बचता रहा है, हालांकि यही मनरेगा आज सरकार की रोजगार गारंटी योजना का आधार बन गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अकेले मई महीने में 2.19 करोड़ घरों ने मनरेगा के तहत काम मांगा है। पिछले आठ वर्षों में इतना बड़ा आंकड़ा नहीं आया। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में इसे विफलताओं का स्मारक बताया था, मगर अब किसी न किसी बहाने से खुद को मनरेगा से जोड़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि आज संकट की इस घड़ी में मनरेगा इसलिए भी तर्कसंगत है, क्योंकि यह जरूरतमंद लोगों के खाते में सीधा पैसा उपलब्ध कराता है। कोरोना और लॉकाडाउन की वजह से भुखमरी और आर्थिक तंगी झेल रहे गरीब मजदूरों के लिए यह योजना काफी अहम है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 31 मार्च, 2020 तक 12 करोड़ लोग मनरेगा से लाभान्वित हुए हैं। ये अलग बात है कि कांग्रेस पार्टी के दबाव में सरकार ने मनरेगा का बजट बढ़ाया, जिसका फायदा लोगों को मिला। उन्होंन कहा कि आज मनरेगा को लेकर पांच पहलू बहुत आवश्यक हैं। पहला यह कि मनरेगा के तहत काम का कानूनी अधिकार मिलता है, जिसे केंद्र को सख्ती से लागू करना चाहिए। दूसरा, कोरोना संकट चलने तक मनरेगा की बजट सीमा हटानी चाहिए। तीसरा, ग्राम पंचायतों को कार्य के बारे में निर्णय लेने का पूरा अधिकार हो, बिना किसी हस्तक्षेप के। चौथा, मनरेगा के कार्यदिवसों में बढोतरी कर 200 दिन किया जाना चाहिए। पांचवां और आखिरी, मनरेगा में काम करने की जगह पर कोरोना के नजरिए से सुरक्षा चक्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन पांच पहलुओं पर विचार कर सरकार इसे और भी प्रभावी बना सकती है।
इस दौरान कांग्रेस नेता ने सरकार से मनरेगा को लेकर उठाए गए कदमों को लेकर सवाल भी किए हैं। उन्होंने पूछा है कि सरकार बताए कि जनवरी से मई तक अतिरिक्त कितने जॉब कार्ड दिए गए? राज्यों को कितना अतिरिक्त धन दिया गया? कार्य स्थल और कार्य प्रकार में महिलाओं के लिए क्या विशेष प्रावधान किए गए हैं और उनको क्या लाभ हुआ? क्या घर के पांच किमी के इर्द-गिर्द काम उपलब्ध कराया जा रहा है? और क्या पिछले वित्त वर्ष के सारे एरियर का भुगतान कर दिया गया है? उन्होंने कहा कि यह सवाल सिर्फ कांग्रेस पार्टी के नहीं बल्कि इन सवालों के जवाब गरीम मजदूर वर्ग की भलाई को लेकर किये गए सरकार के कार्यों का पता भी लगेगा। (एजेंसी, हि.स.)