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चिदंबरम ने प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर केंद्र की योजनाओं पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने एक बार फिर केंद्र की योजनाओं को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने कहा कि बीते कई दिनों से विपक्ष प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाए जाने को लेकर मदद की मांग सरकार से कर रहा था, तब सरकार ने चुप्पी साध रखी थी। फिर अचानक फैसला किया जाता है कि सभी को बस से भेजा जाएगा। जब कांग्रेस ने उस पर भी सवाल खड़े किए तब आखिरकार ‘देर आए दुरुस्त आए’ वाली कहावत को सिद्ध करते हुए केंद्र ने ट्रेनों के सीमित परिचालन के निर्देश दिए। इस पूरे घटनाक्रम में केंद्र की मोदी सरकार की अनुभवहीनता और योजना निर्माण की शून्यता साफ दिखती है।

पी. चिदंबरम ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘बीते 29 अप्रैल तक प्रवासी श्रमिकों को घर वापस जाने की अनुमति देने की मांग पर केंद्र की कोई प्रतिक्रिया नहीं। फिर 30 अप्रैल को बसों द्वारा उन्हें परिवहन की अनुमति दी गई। अचानक एक मई को नॉन-स्टॉप ट्रेनों को अनुमति प्रदान की गई। आनन-फानन में सरकार के लिए गए फैसलों ने जता दिया कि उसमें योजना निर्माण की शक्ति नहीं है।’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने के केंद्र के फैसला का स्वागत किया था। विपक्षी पार्टी ने कहा था कि मजदूरों को ले जाने के लिए सिर्फ बसें पर्याप्त नहीं होगीं। अच्छा होगा कि सरकार एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक सैनेटाइज ट्रेन चलाए ताकि मजदूर वापस अपने घर जा पाएं। कांग्रेस के इस सुझाव पर गंभीरता से विचार के बाद केंद्र सरकार ने प्रवासियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ट्रेन चलाने के निर्देश दिए। (एजेंसी, हि.स.)

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