छत्तीसगढ़ : महाशिवरात्रि पर रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने की भगवान भोलेनाथ की पूजा
धमतरी । महाशिवरात्रि के अवसर पर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में अल सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी। महानदी के तट पर स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। यहां धमतरी शहर के अलावा आसपास के गांव भटगांव, सोरम, नवागांव, बोरिदखुर्द, करेठा सहित अन्य स्थानों से काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं। शिवलिंग में जल चढ़ाने श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।
उल्लेखनीय है कि रुद्री में स्थित रुद्रेश्वर महादेव का मंदिर प्रदेश के प्रमुख शिवालयों में शामिल है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर महानदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। पौराणिक मान्यता है कि राम वनगमन पथ में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण यहीं विश्राम किए थे और शिवलिंग की स्थापना माता सीता ने की थी। रुद्रेश्वर महादेव मंदिर राम वनगमन क्षेत्र होने की वजह से यहां की महत्ता बढ़ गई है। सावन मास में हर साल रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में महीनेभर तक रामायण पाठ होता है। वहीं माघ पूर्णिमा पर हर साल मेला भरता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। शहर के कांवरिए भगवान रुद्रेश्वर को जल चढ़ाने के बाद ही अन्य शिवालयों में जल अर्पित करने जाते हैं। रुद्रेश्वर घाट पर गंगरेल बांध से महानदी उतरकर बहती है।
पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि महा शिवरात्रि के अवसर पर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है। शिवलिंग में बेलपत्र, धतूरा फूल व फल, जल चढ़ाने से जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। इसलिए इस खास दिन पर भगवान शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।