CBI विवाद : राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी पर 1 नवंबर तक रोक
दिल्ली. सीबीआई के दो बड़े अफसरों के बीच रिश्वत मामले में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अस्थाना की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 1 नवंबर तक रोक लगा दी. इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए जांच एजेंसी को और समय दिया है. उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय की मांग की थी क्योंकि पूरी टीम इस दौरान बदल गई थी और अब इस मामले की फाइलें सीवीसी के पास हैं, जो आरोपों की जांच कर रही है. उल्लेखनीय है कि राकेश अस्थाना ने याचिका में अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग की है.
आलोक वर्मा के नेतृत्व वाली सीबीआई अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को गिरफ्तार करने की योजना बना रही थी. तभी दिल्ली उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. जांच एजेंसी के निदेशक वर्मा और विशेष निदेशक अस्थाना को न्यायालय ने उनकी जिम्मेदारियों से कुछ समय के लिए वंचित कर दिया है. दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि केवल अस्थाना ही नहीं बल्कि उनके दो अन्य प्रमुख अधिकारी जिसमें संयुक्त निदेशक ए साई मनोहर और पुलिस अधीक्षक जगरुप गुरसिन्हा जो उनके अंतर्गत विशेष जांच दल समिति में काम कर रहे थे, वह गिरफ्तार होने वाली सूची में शामिल थे. यह जांच दल विवादित मीट निर्यातक मोइन कुरैशी के मामले की जांच कर रहा था. अधिकारियों को उस समय एहसास हुआ कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है जब उनके अधीनस्थ और साथी जांच अधिकारी, पुलिस के उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई अधिकारी ऑन रिकार्ड इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर रहे हैं. सीबीआई ने 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया था कि हैदराबाद बेस्ड व्यवसायी सतीश बाबू सना ने मोइन कुरैशी मामले में पूछताछ होने से बचाने के लिए 5 करोड़ रुपये की डील फाइनल की थी.
इससे पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि आलोक वर्मा ने उन्हें बाबू से पूछताछ करने से मना कर दिया. उन्होंने दावा किया था कि अपने खिलाफ मामले को बंद करने के लिए बाबू ने वर्मा को 2 करोड़ रुपये दिए हैं. अस्थाना के खिलाफ दर्ज मामले में जांच एजेंसी ने देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार करने से पहले उनके कार्यालय और घर की जांच की. जिसके बाद बीते मंगलवार को अस्थाना ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.