बंगाल में कोरोना संक्रमण दर देश में सबसे ज्यादा, जांच सबसे कम
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण से हालात बहुत अधिक बिगड़ने के आसार हैं। इसकी वजह है कि यहां जांच सबसे कम हो रही है लेकिन संक्रमण का दर सबसे ज्यादा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि यहां राष्ट्रीय स्तर से काफी अधिक 4.5 फीसदी की दर से लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। यानी यहां जितने लोगों की जांच हो रही है उनमें से 4.5 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। यह काफी चिंता का विषय है। खासकर तब जब यहां जांच दर सबसे कम है। रविवार तक पूरे बंगाल में 586 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि इनमें से 105 लोग स्वस्थ होकर घर लौटे हैं और 20 लोगों की मौत हुई है, बाकी अस्पतालों में इलाजरत हैं। इसी आंकड़े के आधार पर अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि बंगाल में जब रैपिड टेस्टिंग की शुरुआत होगी तो हालात बहुत बदतर हो सकते हैं।
रविवार तक पश्चिम बंगाल सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य में अभी तक 10,893 लोगों के नमूने जांचे गए हैं। 20 लोगों की मौत हो चुकी है। अगर बात करें कर्नाटक की तो अभी तक 42964 लोगों के सैंपल जांचे जा चुके हैं, जो पश्चिम बंगाल की तुलना में 4 गुना ज्यादा है। और वहां संक्रमित लोगों की संख्या केवल 503 है। इसी तरह से आंध्र प्रदेश में 68 हजार लोगों के सैंपल जांचे गए हैं, जिनमें से केवल 1097 लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। महाराष्ट्र में एक लाख से अधिक सैंपल जांचे जा चुके हैं, जिनमें करीब 7000 लोग पॉजिटिव हैं।
दरअसल देश में कोरोनावायरस का आकलन चार बिंदुओं पर किया जा रहा है। एक उन राज्यों को देखा जा रहा है जो तेजी से सैंपल जांच रहे हैं, जैसे दिल्ली और महाराष्ट्र। यहां काफी अधिक लोगों के सैंपल जांचे जा रहे हैं और पॉजिटिव लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। हालांकि संक्रमण दर बंगाल से कम है। बंगाल की स्थिति सबसे अलग है। यहां लो टेस्टिंग और हाई पॉजिटिव मामला है। यहां कम सैंपल जांचने में भी बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव पाए गए। अगर अधिक संख्या में सैंपल जांचे जाएंगे तो और अधिक लोग पॉजिटिव पाए जाएंगे जो डरावनी स्थिति है। खासकर तब जब पश्चिम बंगाल सरकार संक्रमित लोगों और मरने वालों के आंकड़े में काफी विषमता दिखा रही है। इसी वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंतर मंत्रालयीय केंद्रीय टीम को बंगाल भेजा है ताकि हालात का आकलन कर रिपोर्ट सौंप सकें। माना जा रहा है कि भविष्य में बंगाल के लोग इस महामारी की और अधिक गिरफ्त में आएंगे।