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बैंक डिफॉल्टर्स के मुद्दे पर कांग्रेस और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर

नई दिल्ली। बैंक डिफॉल्टर्स के मुद्दे पर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच जुबानी जंग जारी है। साथ ही एक-दूसरे को गलत साबित करने को लेकर तथ्य और तर्कों को भी रखा जा रहा है। इस क्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने 16 मार्च, 2020 को संसद में दिए वित्त मंत्रालय के बयान को साक्ष्य के तौर पर पेश किया है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को तंज कसते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण जी, वित्तमंत्री जैसे बड़े पद पर बैठकर झूठ बोलना और भटकाना बहुत बड़ा पाप है। उन्होंने कहा कि आपने (वित्तमंत्री ने) ट्वीट कर कहा है कि सरकार ने मोदी-चोकसी-माल्या से 2780.50 करोड़ जब्त किए। जबकि वित्त मंत्रालय ने संसद में 16 मार्च, 2020 को जारी बयान में कहा था कि पांच साल में पीएमएलए व फेमा (एफईएमए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केवल 96.93 करोड़ रुपये जब्त किए गए। आखिर इन दोनों आंकड़ों में सही कौन-सा है। उन्होंने कहा कि आज जो सवाल उठ रहे हैं, वह पैसे से ज्यादा लोगों के भरोसे से जुड़ा हुआ है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़े बैंक डिफॉल्टरों के नाम उजागर करने को लेकर राहुल गांधी ने जब संसद में सवाल किया था, तब आप सच छिपाने में लगे थे। आज जब आरटीआई के जरिए इसका सच सामने आ गया है तो कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए सरकार उस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रही है।

उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार का बचाव करते हुए कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “कांग्रेस और राहुल गांधी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्यों वे वित्तीय प्रणाली को साफ करने में नाकाम रहे। कांग्रेस ने न तो सत्ता में और न ही विपक्ष में रहते हुए भ्रष्टाचार और क्रोनिज्म को रोकने की कोई प्रतिबद्धता या इच्छा जताई। अब वो लोगों को भ्रमित करने में लगी है।” (एजेंसी, हि.स.)

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