ज्योतिष की नजर में 15 मई के बाद कोरोना का हो जाएगा समाधान
लखनऊ । कहा जाता है कि जहां से विज्ञान सोचना बंद कर देता है, वहां से अध्यात्म और धर्म की शुरुआत होती है। ऐसे में कोरोना जैसी महामारी को लेकर ज्योतिषाचार्यों ने भी अपनी-अपनी गणनाएं शुरु कर दी हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह प्रकोप राहु, केतु और मंगल ने मिलकर बृहस्पति को प्रताड़ित कर दिया है। इसी कारण यह महामारी फैली है। इसका प्रकोप अप्रैल माह से भारत से धीरे-धीरे कम होना शुरु हो जाएगा लेकिन इसका पूर्ण समाधान 15 मई के बाद जब बृहस्पति और शनि की यूति ऊंचाई पर पहुंचेगी, तब हो पाएगा, तब तक लोगों को स्व केन्द्रीत रहने पर ही ध्यान देना होगा।
इस संबंध में प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य श्रीनिवास शंकर ने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि कोरोना की राशि मिथुन है। वायरस को राहु केतु से संबंधित माना जाता है। केतु धनु में गुरु के साथ है और राहु मिथुन राशि में है तथा मिथुन का स्वामी बुध पिछ्ले दिनों कुंभ राशि मे बक्री थे।
मिथुन राशि पर मंगल, गुरु केतु और उसके स्वामी बुध व राहु पर शनि तथा सूर्य का प्रभाव 15 मार्च तक था। अब सूर्य मीन में है और मिथुन व राहु पूरी तरह से मंगल, शनि, केतु, गुरु से प्रभावित हो रहे हैं। इसिलिए कोरोना यानी राहु भीषण रुप से फैल रहा है और दुनिया के बाद भारत मे महामारी बनने को सक्रिय हो चुका है।
उन्होंने कहा कि भारत में इसे हरा दिया जायेगा, क्योंकि 30 मार्च से मकर राशि में गुरु, मंगल और शनि की यूति होने जा रही। इससे राहु का प्रकोप शांत होने लगेगा, जो शनि अभी अकेले है। वहां उसके साथ गुरु व मंगल होंगे तो इससे मिथुन राशि पर से प्रभाव हट जायेगा। जीव जगत भी राहु के प्रभाव से दूर हो जायेगा। अब मकर में मंगल के आने से शनि जो की राहु को सपोर्ट व शक्ति दे रहा है। वह रुक जायेगा तथा मंगल यानी चिकित्सा और पुलिस की सख्ती से कंट्रोल होने लगेगा।
उन्होंने कहा कि 30 मार्च के बाद आने वाला स्पताह में कोरोना का कहर घटने लगेगा, तथापि जब 14 अप्रैल से सूर्य मेष में उच्च का होगा तो शनि और उसका केंद्र सम्बंध होने से तथा जीवों की आत्मशक्ति प्रबल होने से भी इस महामारी को रोकेगा और भारत को सुरक्षित कर लिया जायेगा। हालांकि थोड़ी बहुत इसकी चिंता जून अन्त तक रहेगी, लेकिन 14 अप्रैल से सिस्टम चलने लगेगा ,पूरा देश पटरी पर लौट आयेगा।