परीक्षा पोस्टपोन करने के लिए कुलपति से लगाओ गुहार हम बीच में नहीं पड़ेगें – बॉम्बे हाई कोर्ट
मुंबई – अंतिम वर्ष की परीक्षा को लेकर कुछ विद्यार्थी की तैयारी अभी भी पूरी नहीं हुई है। ऐसे में दो विद्यार्थियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में गुहार लगाई की परीक्षा को टाल दिया जाए, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले में दखल न देने की बात कही, लेकिन विद्यार्थियों को नसीहत दी कि वें मुंबई यूनिवर्सिटी के कुलपति से बेशक गुहार लगा सकते हैं।
बीए कर रहे सचिन मनवाड़कर (43) और एलएलबी के तीसरे वर्ष के छात्र दिलीप रणदिवे (53) ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अंतिम वर्ष की परीक्षा को पोस्टपोंन करने और परीक्षा की तैयारी के लिए एक महीने का समय दिए जाने की मांग की। दोनों ने कोर्ट के समक्ष एमयू की 2019 के सर्कुलर को आधार बनाया।
छात्रों ने पेटिशन में कहा कि सर्कुलर में एमयू ने कॉलेजों को निर्देश गया है कि परीक्षा के एक महीना पहले एडवांस में तिथि घोषित की जाए ताकि वें परीक्षा के लिए तैयारी कर सके।
इसके उत्तर में एमयू की वकील रुई रॉड्रिक्स ने कोर्ट को बताया कि उक्त सर्कुलर फिजिकल परीक्षा के लिए जारी किया गया था वो केवल फर्स्ट और सेकंड ईयर के विद्यार्थियों के लिए है न की तीसरे वर्ष के विद्यार्थियों के लिए। वैसे भी इस वर्ष फिजिकल के बजाए ऑनलाइन परीक्षा ली जा रही है वो भी मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन के रूप में। विद्यार्थियों की मत रख रही वकील शरोन पटोले ने कहा कि इसबार परीक्षा अलग पद्धति से ली जा रही है। प्रोफेसरों को ठीक से क्वेश्चन पेपर तैयार करने के लिए भी उचित समय नहीं मिला है। विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा है।
मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायधीश गिरीश कुलकर्णी की बेच ने कहा कि यह एकेडमिक मामला है और इसमें हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। विद्यार्थी अपनी याचिका वापस लें और कुलपति से मिलकर गुहार लगाए। एड. पटोले ने कोर्ट की बात मानते हुए कुलपति के समक्ष प्रस्ताव रखने की बात कही।