Home Sliderउत्तर प्रदेशखबरेराज्य

आगरा में दलित महिला के अंतिम संस्कार में भेदभाव पर मायावती भड़कीं, बताया शर्मनाक

लखनऊ। आगरा जिले में अनुसूचित जाति की महिला के अंतिम संस्कार में भेदभाव के मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने निशाना साधा है। उन्होंने घटना को अति-शर्मनाक और निन्दनीय बताया है।

मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया कि यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। उन्होंने कहा कि इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी, सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर मांग है।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि साथ ही मध्य प्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डॉक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।

उल्लेखनीय है कि आगरा में एक अनुसूचित जाति की महिला के शव को लोगों ने चिता पर से उठवा दिया। परिवार वालों ने गांव के बाहर एक श्मशान में अंतिम संस्कार की तैयारी की। लेकिन, कुछ दबंगों ने वहां पहुंचकर शव को चिता से उठवा दिया। उन्होंने कहा कि श्मशान घाट उनका है, दलित यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। इसके बाद महिला के परिजनों ने अन्य श्मशान में अंतिम संस्कार कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद यह सामने सुर्खियों में आ गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्राधिकारी अछनेरा को इस मामले की जांच सौंपी गई है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। (एजेंसी, हि.स.)

Tags

Related Articles

Back to top button
Close