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पालघर साधु हत्याकांड को एक साल पूरा || जांच और जमानत में उलझी रही CID

संजय सिंह ठाकुर/ पालघर – बहुचर्चित पालघर साधु हत्याकांड मामले को 16 अप्रैल को एक साल पूरा हो गए,लेकिन उन्हे अभी तक न्याय नहीं मिला, इस एक साल में सीआईडी पुलिस जांच और जमानत में ही उलझी हुई नजर आयी. सीआईडी द्वारा 13 नाबालिग सहित गिरफ्तार किए गए करीब 254 आरोपियों में सें करीब 179 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जिसमें 28 आरोपियों के खिलाफ सीआईडी चार्ज सिट नहीं दाखिल कर पाई. और जमानत नहीं मिलने के कारण 75 आरोपीयों अभी भी जेल में बंद है. जबकि की इस हत्याकांड मामलें को एक साल बीत जाने के बाद भी, अभी भी करीब 57 आरोपी सीआईडी के गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे है. इस हत्याकांड मामले की सीआईडी ने चार्जशीट दायर कर दी है, ठाणे जिले की विशेष अदालत में सुनवाई जारी है।

न्याय के लिए प्रदर्शन ….

[box]वही साधुओ की हत्या की बरसी पर पालघर जिले के डहाणू व जिला अन्य क्षेत्रो में आरएसएस, और बजरंगदल के कुछ कार्यकर्ताओं ने साधुओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर व अपने अपने घरों में दिपक जलाकर जल्द न्याय की मांग की, वही मुंबई में विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर और प्रदेश भाजपा आध्यामिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तुषार भोसले,राम कदम समेंत अन्य लोगों ने जगह जगह सांकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस घटना के एक साल पूरे होने के बावजूद दोषियों को सजा नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार सत्ता के लिए हिंदुओं को भूल चुकी है। सरकार इस मामले को जानबूझकर नजरंदाज कर रही है। हिंदुत्व को लेकर जो मशाल दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जलाई थी वह उद्धव ठाकरे के कारण बुझ चुकी है।साथ ही दरेकर ने कहा कि सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए जल्द ही वह गड़चिंचले गांव में घटनास्थल का दौरा करेंगे. और जब तक साधुओं को न्याय नहीं मिल जाता तब तक भाजपा कार्यकर्ता शांत नहीं बैठेंगे। हालांकि की बड़ा प्रदर्शन करने के पहले ही पुलिस ने कुछ नेतओं गिरफ्तार कर लिया.[/box]

क्या है मामला ……..

[box]15 अप्रैल 2020 की रात में महाराष्ट्र के पालघर जिले डहाणू तालुक स्थित में स्थित गड़चिंचले मार्ग से अपने गुरू महंत श्रीराम गिरि के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अपनी गाड़ी से गुजरात जा रहे दो साधुओं कल्पवृक्ष महाराज (70) और सुशील गिरी महाराज (35) सहित उनके ड्राईवर नीलेश तलागड़े (30) की पुलिस की मौजूदगी में गड़चिंचले गांव में 500 से अधिक भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जांच में कहा गया कि आसपास के गांव में अफवाह थी कि साधु के वेश में बच्चा चोर घूम रहे हैं. जो बच्चों की चोरी करके उनकी किडनी निकाल लेते है. इसके अफवाह के चलते भीड़ ने साधुओं की हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे देश में फैले आक्रोश और पालघर पुलिस की चारो तरफ हो रही किरकिरी को देखते हुए उद्धव ठाकरे सरकार ने इस मामलें की जांच सीआईडी को सौंप दिया.[/box]

संतो के श्राप से गृहमंत्री और पुलिस कमिश्नर की गई कुर्सी कमिश्नर

[box]साधु हत्याकांड मामले में उद्धव ठाकरे सरकार शुरू से मुख्य आरोपी को बचाने और इस मामलें की लिपापोती करने में जुटी है. इसी का नतीजा है की संतो के श्राप से एक साल के भीतर ही राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख और पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की कुर्सी चली गयी और यह श्राप उद्धव ठाकरे को भी नहीं छोड़ेगा.यह सरकार साधुओं को न्याय नहीं दे पायेगी इस लिए हम लोग इस मामलें की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे है, ताकि साधुओं को न्याय मिल सके.

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सुशिल शाह

विश्व हिंदू परिषद

पालघर जिल्हा मंत्री[/box]

अफवाह के कारण हुई घटना….

[box]यह घटना बहुत दुर्दैवी है,मै ऐसी घटना का कभी समर्थन नहीं करता,लेकिन इस घटना में कुछ लोगो की गलती हरजाना काफी निर्दोष लोंग भर रहे जो लोंग घटना के वक्त अपने घरों में थे य भीड़ का हिस्सा बनकर वहा केवल खड़े थे.रही घटना की बात तो साधुओं की हत्या जानबूझ कर नहीं की गई है. यह घटना फैले अफवाह के कारण हुई है, इसी अफ़वाह के चलते इसके करीब 4 दिन पहले भी एक नेता और पुलिस अधिकारी पर हमला हुवा था .

 

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अमृत अधिकारी

आरोपी पक्ष वकील [/box]

 

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