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शिवराज के बयान पर कांग्रेस का पलटवार.

भोपाल, 15 जनवरी = शनिवार को आंनदोत्सव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के 500 करोड़ रुपयों के हवाला मामले में आरोपियों की सजा के बारे में दिए गए बयान कि ‘आरोपों के आधार पर किसी को नहीं हटायेंगे’ पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने पलटवार किया है। के के मिश्रा का कहना कि कटनी जिले के 500 करोड़ रुपयों के हवाला मामले में आरोपी राज्यमंत्री संजय पाठक के मामले में आरोपित कोयला कारोबारी सतीश-मनीष सरावगी से पूरी प्रमाणिक संलिप्तता के बावजूद उन्हें ना हटाए जाने पर उसे राजनैतिक बेशर्मी की अक्षम्य पराकाष्टा बताया है।

इसके साथ सरावगी बंधुओं और संजय पाठक की निकटता को एक बार फिर उजागर करते हुए कांग्रेस पार्टी ने तीन फोटो और जारी कर कहा हैं कि ‘आने वाले दिनों में कुछ और महत्वपूर्ण व प्रामाणिक दस्तावेज उजागर किये जाएंगे।’ कांग्रेस पार्टी की ओर से मुख्य प्रवक्ता मिश्रा ने मुख्यमंत्री पर आज एक बार फिर प्रश्नों की बौछार करते हुए इस सवालों की जवाब मांगे हैं।

मिश्रा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का बयान भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में उनके दोहरे राजनैतिक चरित्र को दर्शा रहा है, क्याोंकि शिवराज सरकार ने ही कांग्रेस पार्टी के सहयोग से वर्ष 2011 में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने की वचनबद्धता के साथ प्रदेश विधानसभा में एक अधिनियम पारित करवाया था, जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अध्यादेश के रूप में तब्दील हुआ। हालाकि उसके सकारात्मक परिणाम आज तक प्रदेश की जनता ने नहीं देखे हैं?

भ्रष्टाचार को ही लेकर देश में नंबर-1, बन चुके मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लगातार ‘जीरो टॉलरेंस’ की दुहाई दे रहे हैं और हाल ही में उन्होंने मंत्रिपरिषद की संपन्न बैठक के बाद यह भी कहा था कि अब किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार होने पर अधिकारी के साथ मंत्री भी जवाबदेह होगा। नोटबंदी के बाद देश के सबसे बड़े 500 करोड़ रुपयों से अधिक के हवाला कांड के प्रामाणिक आरोपित राज्यमंत्री पाठक के बचाव में दिया गया बयान भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री के किस राजनैतिक चरित्र को परिभाषित कर रहा है, स्पष्ट होना चाहिए?

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