UP-ग्रेटर नोएडा में बनेगा राज्य का पहला डाटा सेंटर , CM ने दी मंजूरी ,हीरानंदानी ग्रुप करेगा 7000 करोड़ का निवेश
संवाददाता ,मुंबई. योटा इन्फ्रास्ट्रक्चर को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में 20 एकड़ के हाइपर स्केल डेटासेंटर पार्क की स्थापना के लिए मंजूरी मिल गई है.पार्क में 6 इंटरकनेक्टेड डेटा सेंटर इमारतें होंगी,जो 30,000 रैक क्षमता और 200 मेगावाट पावर वाली होंगी.इसके निर्माण के लिए 6000-7000 करोड़ की अनुमानित लागत आएगी.
दिसंबर 2020 से परियोजना का काम शुरू होगा. इस बहुउद्देश्यीय परियोजना को लेकर हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ निरंजन हीरानंदानी ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने डेटा सेंटर के तेजी से उभरते क्षेत्र में नए व्यापार निवेश बढ़ावा दिया है. देश के जाने माने उद्योगपति एवं विकासक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यूपी में डेटा सेंटर बनने से उत्तर भारत में तकनीकी विकास के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि रिकार्ड समय में सभी अपेक्षित मंजूरी के साथ राज्य में डेटा सेंटर का निर्माण होगा. हीरानंदानी समूह का डेटा सेंटर- डिजिटल इंडिया की पहल को आगे बढ़ा रहा है इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की दृष्टि से भी उत्तर भारत को बढ़ावा मिलेगा.
प्रोजेक्ट पर एक नजर
7000 करोड़ का निवेश करेगा हीरानंदानी ग्रुप
20 एकड़ के हाइपर स्केल डेटासेंटर पार्क की स्थापना
10 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव डाटा सेंटर के लिए हुए प्राप्त
क्या होता है डाटा सेंटर (Data Center)
डाटा सेंटर एक जगह पर एक सुबिधा है, जहाँ पर डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटिंग सर्वर का एक बड़ा समूह लगा होता है . जहाँ पर किसी संस्था के आईटी गतिविधियों के डेटा को संग्रह किया जाता है ।वहा लगे उपकरण बड़ी मात्रा में डेटा को जमा करने, स्टोर करने, प्रोसेस करने आदि कार्य के लिए उपलब्ध होते है । इसके जरिए बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण , प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है । यूपी में सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक , ट्विटर , वॉट्सअप , इंस्टाग्राम , यू – ट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं । इन उपयोगकर्ताओं से जुड़ा डाटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल होता है । इसके अलावा बैंकिंग , खुदरा व्यापार ,स्वास्थ्य सेवा यात्रा पर्यटन और आधार कार्ड आदि का डाटा भी अहम है .
डाटा सेंटर में क्या क्या होता है ?
डाटा सेंटर को आमतौर पर एक अकेली चीज समझा जाता है, लेकिन वास्तव में यह बहुत से तकनीकी उपकरणों से मिलकर बना होता है । इसमें आईटी उपकरण जैसे Server, Storage Subsystem, CPU, Security Devices, Application Delivery Controller, Data Center Processor Chips, नेटवर्क स्विच, फायरवॉल, राऊटर आदि होते है ।इसमें आईटी उपकरणों को व्यवस्थित करने और एक दूसरे से जोड़ने के लिए उपयोग होने वाले केबल और रैक भी शामिल होते है ।
इन सभी तकनीकी उपकरणों के अलावा डाटा सेंटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के संचालन के लिए महत्वपूर्ण सुविधाएं और संरचना की आवश्यकता होती है । इसमें पर्याप्त रूप में पावर वितरण वाले उपकरण इलेक्ट्रिकल स्विचिंग, अबाधित पावर सप्लाई (UPS), Backup Generator System, वेंटिलेशन और कूलिंग सिस्टम, Fire Suppression आदि रखे होते है । इन सब उपकरणों और संरचना के लिए एक पर्याप्त जगह, सुरक्षा और सुविधाओं की जरूरत होती है ।
महत्वपूर्ण डेटा के चलते इन्फॉर्मेशन सुरक्षा भी एक चुनौती होती है, जिसके लिए डाटा सेंटर एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करते है, जिससे सुरक्षा में चूक होने की संभावना ना के बराबर हो जाती है । Data Center Providers की प्राथमिकता एक विश्वसनीयता, सुरक्षा और कार्यक्षमता के साथ उन्नति करना होता है ।
आज के समय कंपनियां अपने अनुसार एक या ज्यादा डाटा सेंटर का उपयोग कर सकती है । यह अलग अलग क्षेत्र में होते है, इससे संस्थाओ को अपनी इंफॉर्मेशन को बैकअप करने और प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं की स्थिति से सुरक्षा में आसानी होती है । इसके अलावा कनेक्टिविटी और संचार की गति (Communication Speed) भी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण घटक होते है ।
यह एनसीआर क्षेत्र का पहला हाइपरस्केल डेटा सेंटर होगा
हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने कहा,कि “यह अत्याधुनिक कैंपस के साथ, एनसीआर क्षेत्र का पहला हाइपरस्केल डेटा सेंटर होगा.यह क्षेत्र भारतीय जीडीपी में 10% से अधिक योगदान देता है और इससे उद्यमों और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा मिलेगा जिन्हें विश्वसनीय डेटा सेंटर सेवाओं की आवश्यकता होती है. यूपी सरकार इसके लिए सहयोग भूमि आवंटन, 24 घंटे बिजली की व्यवस्था आदि इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा रही है. यह योजना क्षेत्र में ही नहीं बल्कि देश में भी डेटा सेंटर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी.”
योट्टा इन्फ्रास्ट्रक्चर के सह-संस्थापक और सीईओ सुनील गुप्ता ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि हमारा एनसीआर परिसर दिसंबर 2020 तक शुरू हो जाएगा और जुलाई 2022 से पहले पहली इमारत के साथ कार्य शुरू हो जाएगा. नवी मुंबई और चेन्नई के बाद यह तीसरी परियोजना है.
इससे पहले जुलाई 2020 में योटा ने अपने नवी मुंबई डाटा सेंटर पार्क- योटा एनएम 1 लांच किया जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टीयर IV डेटासेंटर है. कंपनी ने चेन्नई में भी डेटा पार्क स्थापित करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया है. इसके लिए 4000 करोड़ निवेश की योजना है.