पटना, 09 जनवरी (हि.स.)। भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों, संविदा कर्मियों व पुस्तकालयाध्यक्षों को सातवें वेतनमान का लाभ न देना उनके साथ अन्याय है।
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को यहां कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि सातवें वेतनमान का लाभ देने के डर से सरकार इन लाखों नियोजित शिक्षकों व संविदाकर्मियों को इनकी अलग-अलग नियोजन इकाइयां होने का बहाना बना कर अपना कर्मचारी मानने से इनकार कर रही है जबकि विगत विधान सभा चुनाव के पूर्व चुनावी लाभ लेने के लिए इन्हें वेतनमान देने की जोर-शोर से घोषणा की गई थी।
अगर ये सरकार के कर्मी नहीं है तो फिर इन्हें राज्यकर्मियों की भांति वेतनमान, अनेक तरह के भत्तों की सुविधा और वार्षिक वेतन वृद्धि कैसे देय है? वेतन समिति राज्यकर्मियों के समान ही नियोजित शिक्षकों, संविदा कर्मियों व विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों के हजारों कर्मचारियों के साथ ही नगर निकायों के कर्मियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने पर विचार करें।
अभी तक सरकार की ओर से वेतन समिति गठित करने की अधिसूचना भी जारी नहीं है। उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय वेतन समिति के गठन की अधिसूचना सरकार शीघ्र जारी करे और बहानेबाजी को छोड़ कर नियोजित संविदा कर्मियों, विश्विद्यालय व महाविद्यालयों तथा नगर निकाय के कर्मियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लें।