विवादास्पद बैंटनी कैसल का अधिग्रहण करेगी हिमाचल सरकार
शिमला, 04 जनवरी = विवादों में रही बैंटनी कैसल को आखिरकार हिमाचल सरकार ने अधिग्रहण करने का फैसला ले लिया है। बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 27.84 करोड़ रुपये की राशि भू-मालिक को देने का अहम निर्णय लिया है। वर्ष 1880 में एतिहासिक माल रोड के पास बने बैंटनी कैसल का भवन जर्जर हालत में है। पूर्व भाजपा सरकार के समय तक यहां पर डीआईजी दक्षिण क्षेत्र का आफिस था, जिसे तत्कालीन सरकार ने एकाएक खाली करवा दिया। भाजपा के शासन काल में बैंटनी कैसल का अधिग्रहण सिरे नहीं चढ़ पाया था।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में समझौता समिति की अनुशंसाओं की स्वीकृति पर बेंटनी कैसल की सम्पूर्ण जमीन को अधिग्रहित करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंटनी कैसल के पुराने भवन का जीर्णोद्धार कर यहां पर एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में एक मनोरंजन पार्क व रेस्तरां भी विकसित किया जाएगा, जो पर्यटकों व स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा।
इस बीच मंत्रिमण्डल ने बिलासपुर जिला के गोबिंद सागर पर निर्माणाधीन तथा काफी समय से लंबित 317.50 मीटर लम्बे बगछाल पुल के निर्माण को भी स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल का निर्माण पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है, जो गेहड़वी तथा कोट-कहलूर विधानसभाओं को जोड़ेगा। इस पुल का निर्माण होने से सवारघाट के नदी किनारे के 14 गांव के 14 हजार लोगों तथा दूसरी तरफ शाहतलाई की ओर रहने वाले 19 गांवों के 20 हजार लोग लाभान्वित होंगे।
मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला की जुब्बल तहसील के भठाड़ गलू, मण्डी जिला के थुनाग तहसील के कंडी, किन्नौर जिला की मुरंग तहसील के रिब्बा, सांगला तहसील के रकछम तथा पूह तहसील के नामंगिया में नए पटवार वृतों के सृजन के साथ पटवारियों के पदों के सृजन को भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने चूना पत्थर तथा फ्लाई-ऐश पर लगने वाले एजीटी कर की दरों का भी युक्तिकरण किया है, जो कि निर्मित उत्पादों के लिए प्रमुख कच्चा माल है। इसमें दरों को माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप 25 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे उद्योगों को दोहरे कर से राहत मिलेगी, जिसमें कच्चे माल को लाने और निर्मित उत्पाद को ले जाने के लिए कर देना पड़ता है।
मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला की जुब्बल तहसील के अंतर्गत खड़ापत्थर और भोलाड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने को हरी झण्डी दी तथा साथ-साथ तीन पद स्वास्थ्य अधिकारी, फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सृजित करने की भी स्वीकृति प्रदान की।