नई दिल्ली, 04 जनवरी = मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा है कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के धर्म और जाति के आधार पर वोट मांगने को गैर कानूनी घोषित किए जाने संबंधित आदेश से चुनाव आयोग ‘सशक्त’ होगा। दिल्ली में पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को संज्ञान में लिया है। आयोग इस पर विचार कर रही है और जल्द ही इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘चुनाव आयोग न्यायालय के फैसले को लागू करने के प्रति ‘संकल्पित’ है। वह राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों से भी अपेक्षा करते हैं कि वह इसका अनुपालन करें।’ उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर किसी राजनीतिक पार्टी के गठन को चुनाव आयोग पहले ही 2005 में गलत ठहरा चुका है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव सुधार की दिशा में सर्वोच्च न्यायलय ने बीते सोमवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगने को गैरकानूनी करार दिया था। उच्चतम न्यायालय की सात सदस्यीय संविधान बेंच ने फैसला किया कि कोई भी राजनेता जाति, समुदाय और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता। अगर कोई भी उम्मीदवार इस फैसले का उल्लंघन करता है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
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