निर्भया के दो दोषियों की 3 मार्च को फांसी मामले पर फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दो दोषियों की तीन मार्च को फांसी देने के आदेश पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल की ओर से कहा गया कि अक्षय ने 31 जनवरी को दया याचिका दाखिल किया था। उसके अगले दिन उसने सचिवालय को पत्र लिखकर कहा कि कुछ दस्तावेज नहीं दिए गए हैं, उन्हें दाखिल करने की अनुमति दी जाए। जेल प्रशासन ने सभी दस्तावेज दे दिए थे। हमने सभी दस्तावेज उन्हें तीन फरवरी को दे दिए थे। राष्ट्रपति ने सभी मसलों पर विचार कर पांच फरवरी को उसकी दया याचिका खारिज कर दिया था। इसलिए ये कहना गलत है कि दस्तावेजों पूरे नहीं थे। वह दूसरी दया याचिका दाखिल नहीं कर सकता है। सरकारी वकील ने कहा कि हमें दूसरी दया याचिका दाखिल करने की सूचना भी नहीं दी गई।
जेल प्रशासन ने कहा कि पवन की क्युरेटिव याचिका दाखिल की गई है। उस पर भी सुनवाई हो चुकी होगी। इस पर फैसले का कोर्ट कुछ देर इंतजार कर ले लेकिन पवन के अलावा तीनों को फांसी देने में कोई समस्या नहीं है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वकील एपी सिंह से पूछा कि आपको दया याचिका खारिज होने की सूचना कब मिली। तब एपी सिंह ने कहा कि पांच फरवरी को। तब कोर्ट ने पूछा कि आपने कंप्लीट दया याचिका कब दायर की है। तब सरकारी वकील ने कहा कि वो तो पहले ही कंप्लीट थी। उन्होंने कहा कि पवन की रिव्यू याचिका नौ जुलाई,2018 को खारिज की गई थी। तब कोर्ट ने एपी सिंह से पूछा कि किस प्रावधान के तहत आप डेथ वारंट को रोकने की मांग कर रहे हैं। इस पर एपी सिंह ने कहा कि दिल्ली प्रिजन रुल्स 836 के तहत। तब सरकारी वकील ने कहा कि आप थोड़ी देर इंतजार कर लें तब तक सुप्रीम कोर्ट का क्युरेटिव पिटीशन पर फैसला आ जाएगा।
पिछले 29 फरवरी को पवन और अक्षय ने डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया था।
याचिका अक्षय सिंह और पवन गुप्ता ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि अक्षय सिंह ने राष्ट्रपति के यहां नई दया याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान अक्षय सिंह के वकील एपी सिंह ने कहा कि उसकी पहले की दया याचिका में पूरे तथ्य नहीं थे।
पवन गुप्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उसकी क्युरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए लंबित रहने के दौरान तीन मार्च के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए।
पिछले 17 फरवरी को दिल्ली कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी कर दिया था। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था।
पिछले 28 फरवरी को पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्युरेटिव याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की है।