शाहीन बाग प्रदर्शकारियों को समझाने ये लोग करेंगे वार्ता, सुप्रीम कोर्ट ने दी जिम्मेदारी
नई दिल्ली । शाहीन बाग में नरेंद्र मोदी सरकार के नए कानून सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि यदि हर कोई सड़क पर प्रदर्शन करने लगे तो देश का क्या होगा। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों को समझाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े, वजाहत हबीबुल्लाह और वकील साधन रामचंद्रन को दी है।
कोर्ट ने हेगड़े समेत इन तीनों को कहा है कि प्रदर्शनकारियों से बात कर उन्हें सड़क से हटाने का प्रयास करें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार व अन्य लोगों द्वारा प्रदर्शकारियों को सड़क से हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि लोगों को अपनी आवाज समाज तक पहुंचाने का पूरा हक है। हम हक की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि आप दिल्ली ट्रैफिक की समस्या को जानते हैं। हर कोई सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा? यह जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा मुद्दा है।
जानिए, कौन है ये लोग ?
बता दें कि संजय हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील हैं। हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में कई हाई प्रोफाइल केस लड़ चुके हैं। शाहीन बाग मामले में प्रदर्शनकारियों को हटाने की जिम्मेदारी कोर्ट ने उनके ही कंधे पर दी है।
वजाहत हबीबुल्लाह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। इससे पहले, उन्होंने भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त के तौर पर अपनी सेवाएं दी थी। वे 1968 से अगस्त 2005 की अपनी सेवानिवृत्ति तक भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहे थे।
साधना रामचंद्रन भी पेशे से वकील ही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वजागहत हबीबुल्लाह और संजय हेगड़े के साथ इन्हें भी प्रदर्शकारियों को समझाने की जिम्मेदारी दी है। कोर्ट ने कहा कि ये तीनों प्रदर्शकारी व सरकार के बीच पुल का काम करेंगे।