कानपुर के तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों में एक माह से ‘एआरवी’ के लिये भटक रहें मरीज
रेट को लेकर कंपनी ने प्रदेश में बंद की सप्लाई
कानपुर, 05 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार भले कितने ही दावे कर ले लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है। इसकी बानगी कानपुर के तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रही है। करीब एक माह से इन अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) ही नहीं है। जिससे कुत्ते के काटने के बाद यहां आने वाले मरीजों को निराशा हाथ लगती है और मजबूर होकर प्राइवेट जगहों से ‘एआरवी’ लगवा रहे हैं।
जिला अस्पताल उर्सला में इन दिनों रोजाना करीब ढाई हजार मरीज पहुंच रहे हैं। जिसमें करीब 250 से 300 मरीज कुत्ते के काटने के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आते हैं। ऐसा ही हाल कांशीराम व केपीएम अस्पताल का है। लेकिन अस्पतालों में करीब एक माह से ‘एआरवी’ ही नहीं है। जिसके चलते मरीज वापस लौट रहे हैं और बाजार से महंगे दाम में वैक्सीन खरीदने को विवश हैं।
गुरूवार को बेकनगंज से आई मरीज शबीना ने बताया कि कई दिनों से अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए चक्कर काट रही हूं। लेकिन यहां पर वैक्सीन ही नहीं हैं। जिससे आज मजबूर होकर बाहर से 450 रूपए का वैक्सीन लगवाया।
इसी तरह रावतपुर, किदवई नगर, शुक्लागंज व सिविल लाइन से आये मरीज क्रमशः सोनम, विकास खरे, रमेश सोनकर, अनुपम गुप्ता और सारस्वत ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर यह बताने को ही तैयार नहीं है कि आखिर एंटी रैबीज वैक्सीनकब तक आएगा। यहां पर एक तख्ती लगा दी गयी है कि एआरवी खत्म हो चुके हैं।
जिला अस्पताल उर्सला के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राम जी खन्ना ने बताया कि अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गये हैं। शासन को पत्र भी लिख दिया गया है। जल्द ही एआरवी अस्पताल में आ जाएंगें। वहीं, निदेशक डॉ. उमाकांत ने बताया कि शासन को तो पत्र लिखा ही गया है। साथ ही इंजेक्शन उपलब्ध कराने वाली कंपनी को भी सख्त निर्देश दिये गये हैं। अगर कंपनी जल्द इंजेक्शन नहीं उपलब्ध कराती तो करार भी खत्म किया जा सकता है।
बताते चलें कि जनपद में ‘एआरवी’ उर्सला, काशीराम और केपीएम अस्पताल में ही लगते हैं। हैलट अस्पताल चिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित होने के चलते यह सेवा वहां पर नहीं है।
चार माह में तीन बार खत्म हुये ‘एआरवी’
बताते चलें कि जिला अस्पताल, काशीराम व केपीएम अस्पताल में ‘एआरवी’ खत्म होने की नई बात नहीं हैं। पिछले चार महीने में तीन बार ऐसी समस्या आ चुकी है। 21 फरवरी से एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गये और मीडिया में मामला आने के बाद पांच मार्च को इंजेक्शन अस्पताल आ सके। इसके 15 दिन बाद फिर ‘एआरवी’ खत्म हो गये। हालांकि इस बार सात दिन में ही अस्पताल को इंजेक्शन उपलब्ध हो गये। लेकिन अबकी बार दो जून से खत्म हुये ‘एआरवी’ अभी तक अस्पताल नहीं आ सके। यही नहीं आस-पास के हमीरपुर, कानपुर देहात व फतेहपुर के जनपदों का भी यही हाल है।वहां के मरीज यहां पर आश्वान्वित होकर आते हैं और निराश होकर लौट जाते हैं। कानपुर देहात जनपद के विगाही निवासी हरीराम ने बताया कि गांव में एक ही दिन में 15 लोगों को पागल कुत्ते ने काटा। जिस पर जिला अस्पताल माती में इंजेक्शन नहीं लग सका और यहां आने पर भी निराशा हाथ लगी।
बताते चलें कि नवनियुक्त जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने जनपद में 29 जून का पहला औचक निरीक्षण जिला अस्पताल उर्सला का किया था। उस दौरान भी मरीजों ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की थी। जिस पर जिलाधिकारी ने विश्वास दिलाया था कि शासन को पत्र लिखा जाएगा और जल्द ही ‘एआरवी’ अस्पताल में आ जायेंगें। लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी जिलाधिकारी द्वारा दिलाया गया विश्वास मरीजों के काम नहीं आ पा रहा है। इस पर जब जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता करने की कोशिश की गयी तो बताया गया कि साहब मीटिंग में व्यस्त हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि मरीजों को जिला अस्पताल में आखिर कब एआरवी इंजेक्शन उपलब्ध हो पाते हैं।
कंपनी ने पूरे प्रदेश में बंद की सप्लाई
उत्तर प्रदेश सरकार को एंटी रैबीज वैक्सीन केरान पेरिंग कंपनी उपलब्ध कराती है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी और उत्तर प्रदेश सरकार में रेट को लेकर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कंपनी पुराने अनुबंध के तहत जिस रेट पर वैक्सीन उपलब्ध कराती थी अब वह अनुबंध खत्म हो गया है और कंपनी चाहती है कि इसके रेट में इजाफा किया जाय, पर सरकार ऐसा करने को तैयार नहीं है। जिसके चलते कंपनी ने कानपुर ही नहीं पूरे प्रदेश की सप्लाई बंद कर दी है। हालांकि इसको लेकर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से संपर्क किया गया, पर अधिकारिक बयान नहीं मिल सका।