दिल्ली में वायु प्रदूषण में 40 फीसदी की कमी
नई दिल्ली (ईएमएस)। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि ताप विद्युत संयंत्र से उत्सर्जन में कटौती और घरों में ठोस ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाने सहित 13 उपायों के जरिए वायु प्रदूषण में 40 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है और देश में हर साल होने वाली नौ लाख असामयिक मौतों को रोका जा सकता है।
ग्रीनपीस इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन उपायों को लागू कर दिल्ली सहित समूचे उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में पीएम 2.5 के स्तर में 50-60 फीसदी की कमी लाई जा सकती है। इस मौसम में पीएम 2.5 का स्तर अपने चरम पर होता है। लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी ने यह अध्ययन किया है। ग्रीनपीस इंडिया के मुताबिक उसके अभियानकर्ता सुनील दहिया और लौरी मिल्लीविर्ता भी अनुसंधानकर्ताओं के दल में शामिल थे। बयान के मुताबिक रिपोर्ट के लेखक हांगलियांग झांग ने कहा, हमारे निष्कर्ष के मुताबिक ताप विद्युत संयंत्रों के उत्सर्जन में कटौती, उद्योगों के लिए कड़े उत्सर्जन मानक तैयार करके, घरों में ठोस ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाकर, ईंट निर्माण के लिए जिग-जैग ईंट-भट्टों के इस्तेमाल और तत्परता के साथ वाहन उत्सर्जन मानकों को कड़ा बनाने जैसे नीतिगत उपायों से हवा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।
ग्रीनपीस इंडिया के अभियानकर्ता सुनील दहिया ने कहा कि हम पहली बार खास और लागू किए जाने योग्य उपाय पेश कर रहे हैं, जिससे उत्तर भारत में सर्दी के समय वायु प्रदूषण में लगभग 50 फीसदी तक की कमी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह पर्यावरण मंत्रालय से इन उपायों को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ वायु योजना में शामिल करने का आग्रह करते हैं।