नई दिल्ली (ईएमएस)। कम बीमारी के चलते गुजरातियों के दिल की औसत उम्र उनकी वास्तविक उम्र से 10 साल ज्यादा होती है। यह बात गुजरात के लगभग 2500 लोगों के हार्ट्स पर किए गए सर्वे में सामने आई है। यह सर्वे यूएन मेहता इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियॉलजी के डॉक्टर्स ने किया। इस स्टडी के प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर डॉ कमल शर्मा ने कहा, ‘यह स्टडी 2483 स्वस्थ इंसानों के वैस्कुलर एज पर की गई, ये लोग हमारे पास अपनी हेल्थ स्टेटस जानने के लिए आए थे।’ वैस्कुलर एज जानने के लिए फ्रेमिंगम वैस्कुलर एज कैलकुलेटर का इस्तेमाल किया गया। इसमें ब्लड प्रेशर, हाई कॉलेस्ट्रॉल, डायबीटीज जैसी चीजों को मापा गया। इस स्टडी में डॉक्टर एस साहू, केएस शाह, एके पटेल, एनडी जाधव, एमएम परमार और केएस पटेल भी शामिल थे।
डॉक्टर्स के अनुसार, गुजराती लोगों में हाई कॉलेस्ट्रॉल, हाई बीपी और बढ़े हुए पेट की चर्बी की वजह से इस तरह की समस्या और बढ़ जाती है और हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। डॉ शर्मा का इस बारे में कहना है, ‘कैलकुलेशन में 9,5 साल का अंतर आने का मतलब है कि फिजिकल उम्र से हार्ट की उम्र लगभग 10 साल ज्यादा है।’ इस स्टडी का संदेश यह है कि गुजरातियों को हार्ट संबंधी बीमारियों में लापरवाह नहीं रहना चाहिए। 30 की उम्र वाले लोगों को ऐसी किसी छोटी-मोटी समस्या को भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। रूटीन चेकअप करवाकर किसी तरह के खतरों से बचा जा सकता है।