नई दिल्ली (ईएमएस)। इंटरनेट आज हम सबकी जिंदगी में उतना ही जरूरी और आम हो गया है, जितना रोटी, कपड़ा और मकान। बीते पांच सालों में इंटरनेट अब कंप्यूटर से आगे बढ़कर स्मार्टफोन्स के जरिए सुदूर गांवों में भी पहुंच गया है। अनुमान है कि साल 2020 तक भारत के 65 करोड़ लोगों तक इंटरनेट की सुविधा पहुंच जाएगी। जब संख्या अमेरिका की जनसंख्या की दोगुनी है। इंटरनेट अब स्टेटस सिंबल नहीं, जरूरत की चीज बन चुका है। हमारे जीवन के हर क्षेत्र में इंटरनेट इतनी गहराई तक उतर चुका है कि हम इसे अपने रोजमर्रा के जीवन से अलग नहीं कर सकते। हाल ही में गूगल की सालाना ‘सर्च रिपोर्ट’ आई है। 11 मापदंडों पर हुई इस रिसर्च के पांच वे बड़े पैमाने हैं, जिन्होंने हमारी सर्च करने की पूरी सोच ही बदल दी है। अमूमन ऐसा माना जाता है कि इंटरनेट को बड़े शहरों के लोग ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस नई रिपोर्ट से यह भ्रम टूट गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक गूगल पर होने वाली तीन में से दो सर्च किसी छोटे शहर से होती हैं। इसका मतलब साफ है कि इंटरनेट की पहुंच और जरूरतें अब शहरों की सीमा लांघ चुकी हैं। साथ ही एक रोचक बात यह भी है कि अब हिंदी समेत कई प्रादेशिक भाषाओं के वीडियो और कंटेंट की खपत भी बहुत बढ़ गई है। हर जगह छोटे शहरों का अनुपात बड़े शहरों से कई गुना अधिक है। तमिल, मराठी और बंगाली कंटेंट का सर्च अनुपात 10 गुना तक बढ़ गया है। साल 2017 के बाद से डिजिटल शब्द के मतलब पूरी तरह से बदल गए हैं। जहां पहले इंटरनेट का प्रयोग मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग तक ही सीमित था, अब डिजिटल अपने आप में एक बिजनेस बन गया है। चाहे बैंकिंग हो, पढ़ाई या फिर शॉपिंग, डिजिटल का कारोबार बढ़ता ही जा रहा है।
पत्रकारिता भी अब इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट के साथ-साथ डिजिटल में भी रात-दिन बढ़ रही है। मोबाइल बैंकिंग, ई-वॉलेट, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शॉपिंग बहुत तेजी से बढ़े हैं। लेकिन शॉपिंग के मामले ने बैंकिंग सर्च और वॉलेट के इस्तेमाल को बहुत बढ़ा दिया है। पहले जो दुकानें और स्टोर ऑफलाइन हुआ करते थे, वे सिर्फ अपने प्रचार के जरिए अपना व्यापार बढ़ाते थे। लेकिन बीते एक साल में ऑनलाइन स्टोर्स और ऑफलाइन स्टोर्स के बीच करीबी आ गयी है। यानी जो स्टोर्स पहले सिर्फ ऑफलाइन हुआ करते थे, अब उन्होंने अपनी वेबसाइट बना ली है और जो ऑनलाइन वेबसाइट्स थीं, उन्होंने अपने स्टोर खोल लिए हैं। यह बदलाव अपने कस्टमर को ध्यान में रखकर ही किए गए हैं, ताकि बिना किसी ठहराव के व्यापर का प्रवाह बहता रहे। सिर्फ आम जनता ही नहीं, अब इंडस्ट्रीज भी मशीन लर्निंग और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सीखने और जानने में इंटरेस्ट लेने लगी हैं। कार खरीदने से पहले लोग उनका 360 डिग्री व्यू देखते हैं। वहीं किसी भी नई जगह जाने से पहले वहां के बारे में अन्य लोगों से रिव्यू भी मांगते हैं। हर कोई अब कंप्यूटर और इंटरनेट की भाषा को समझना और सीखना चाहता है।