एम्स में बच्चेदानी की सर्जरी मात्र 5 सौ रुपए में , निजी अस्पतालों में लगते है 60 से 70 हजार रुपए
भोपाल (ईएमएस)। राजधानी स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) में बच्चेदानी की सर्जरी मात्र 5 सौ रुपए में हो रही है। लेप्रोस्कोपिक तकनीक से होने वाली इस सर्जरी का निजी अस्पतालों में खर्च 60 हजार से 70 हजार रुपए तक आता है। महीनेभर के भीतर इस तकनीक से 7 ऑपरेशन किए गए हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि मरीज को सिर्फ एक दिन अस्पताल में रुकना पड़ता है। लेप्रोस्कोपिक तकनीक से सर्जरी करने वाला एम्स प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है।
हमीदिया और जेपी अस्पताल में अभी यह सुविधा नहीं है। इसके लिए लेप्रोस्कोप के साथ ही डॉक्टर की ट्रेनिंग की जरूरत है।
अभी भोपाल के कुछ निजी अस्पतालों में ही लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा है। इस तकनीक में बच्चेदानी निकालने के लिए पेट में लेप्रोस्कोप से चार-पांच छेद किए जाते हैं। इन्हीं के जरिए बच्चेदानी निकाली जाती है। मरीज को सर्जरी के एक दिन पहले भर्ती किया जाता है। इस दौरान ऑपरेशन के पहले की उसकी पूरी तैयारी की जाती है।
1 जुलाई से चेहरे से भी सत्यापन करा सकेंगे ‘आधार’ कार्ड धारक
ऑपरेशन के बाद मरीज को अधिकतम दो घंटे तक ही रुकना पड़ता है। इससे मरीजों को बड़ा फायदा हो गया है। जबकि साधारण सर्जरी से बच्चेदानी निकालने के लिए मरीज को कम से कम आठ दिन के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। पेट में लंबा चीरा लगाया जाता है, जिसमें कम से कम आठ टांके लगते हैं। इस सर्जरी में दिक्कत उन महिलाओं के साथ ज्यादा होती है, जिन्हें पहले से ऑपरेशन से डिलेवरी हुई है। इन महिलाओं को गायनकोलॉजिस्ट लेप्रोस्कोपिक तकनीक से सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। इस संबंध में एम्स के डायरेक्टर डा नितिन एम नागरकर का कहना है कि लेप्रोस्कोपिक तकनीक से बच्चेदानी के ऑपरेशन की सुविधा शुरू कर दी गई है। दूसरे विभागों में भी लेप्रोस्कोप सर्जरी की जा रही है। इस तकनीक में मरीज को ज्यादा परेशानी नहीं होती।