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एनजीटी द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग पर जुर्माना लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर पक्षकारों को नोटिस

नई दिल्ली, 02 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम से यमुना को हुए नुकसान के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग को दोषी करार दिए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।

एनजीटी ने पिछले 7 दिसंबर को आर्ट ऑफ लिविंग के एक कार्यक्रम के दौरान यमुना को हुए नुकसान के लिए उसके खिलाफ पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। एनजीटी के इसी फैसले के खिलाफ आर्ट ऑफ लिविंग ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम के दौरान हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एनजीटी ने एक्सपर्ट पैनल का गठन किया था। इस पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यमुना किनारे की स्थिति को अपनी पुरानी मूल स्थिति में लाने के लिए 42 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
सुनवाई के दौरान जब डीडीए ने कहा कि एक्सपर्ट पैनल की राय सही नहीं है तब एनजीटी के तत्कालीन चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने नाराज होते हुए कहा कि एक्सपर्ट पैनल में शामिल लोगों ने पर्यावरण के लिए अपना जीवन लगा दिया और आप उनकी राय को गलत बता रहे हैं।

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