दावोस में वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम के मंच से दुनिया को मंत्र दे गए मोदी
नई दिल्ली/दावोस, 23 जनवरी (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदारदास मोदी ने मंगलवार को यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में हो रही वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पूरी दुनिया के धनी और विकसित देशों को भविष्य के लिए मंत्र दे दिए। मोदी ने कहा कि यदि हमें प्रख्यात भारतीय साहित्यकार रविंद्रनाथ टैगोर ‘गुरूदेव’ के शब्दों में पूरी दुनिया को स्वर्ग बनाना है, तो हमें भारतीय प्राचीन संस्कृति से प्रेरणा लेनी चाहिए। संस्कृत के श्लोक और सूक्तियों के माध्यम से मोदी ने दुनियाभर के देशों के राष्ट्राध्यक्षों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की संकल्पना पर चलने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सामने तीन बड़ी चुनौतियों को जिक्र करते हुए कहा कि आज के समय में जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने है। दुनिया के कई हिस्सों में मौसम जिस तेजी से बदल रहा है, वो चौंकानेवाला है। कई द्वीप डूब गए हैं और कई डूबने की कगार पर हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति में हमेशा से प्रकृति को जीवन का अभिन्न अंग माना गया है।
इसी तरह आज आतंकवाद हमारे सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में है। आज पूरी दुनिया इससे जूझ रही है। हमें गुड टेरिरिस्ट और बैड टेरिरिस्ट के बीच भेद जानना होगा। एक बड़ी समस्या ये भी है कि अब बहुत पढ़े-लिखे नौजवान आतंकवाद की ओर आकृष्ट हो रहे हैं।
आज ग्लोबलाइजेशन का बिखरता स्वरूप हमारे सामने एक चुनौती के रूप में है। हम आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने वैश्विक संगठनों में संयुक्त राष्ट्र के अलावा और कितने संगठन प्रासंगिक रहे हैं, ये हमें सोचना होगा। ग्लोबलाइजेशन की रफ्तार धीमी हुई है। व्यापारिक समझौते कम होते जा रहे हैं। दो देशों के बीच व्यापार घटता जा रहा है। हमें इस पर विचार करना होगा।
पीएम मोदी ने दावोस में कहा कि भारत में साल 2014 में 60 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने तीन दशकों से ज्यादा समय बाद किसी एक राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत दिया है| हम उसका सम्मान करते हुए भारत को एक नई दिशा की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। भारत में डिजिटल फाइनेंस ट्रॉन्जेक्शन को बढ़ावा देकर हमने वित्तीय पारदर्शिता को लागू किया। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। युवाओं को हमने रोजगार ढूंढने वाले से रोजगार देनेवाला बनाया है।
अपने संबोधन के अंत में पूरी दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों को भारत आमंत्रित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप यदि वेल्थ के साथ वेलनेस चाहते हैं तो भारत आइए। हेल्थ के साथ होलनेस चाहते हैं तो भारत आइए। प्रॉस्पैरिटी के साथ पीस चाहते हैं तो भारत आइए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में हो रही वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की बैठक में हिस्सा लेने गए हैं| वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की इस 48वीं बैठक का विषय ‘क्रिएटिंग ए शेयर्ड फ्यूचर इन ए फ्रेक्चर्ड वर्ल्ड’ रखा गया है। वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम वैश्विक मंच है, जहां दुनियाभर के हर सेक्टर का नेतृत्व आता है और वर्तमान वैश्विक हालात पर चर्चा करता है।