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फौजी का तांडव : 20 घंटे से सिरफिरे फौजी के बंधक बने हैं परिवार सहित दर्जनभर लोग

एटा, 16 जनवरी:  एटा जिला मुख्यालय पर एक सिरफिर पूर्व फौजी का तांडव मंगलवार को भी जारी है। सोमवार करीब 1 बजे से फौजी द्वारा बंधक बनाए फौजी के पिता, पत्नी, पुत्र, पुत्री व मकान मालिक के परिजनों को पुलिस 20 घंटों बाद भी मुक्त नहीं करा सकी है। एटा के क्षेत्राधिकारी वरूण कुमार से सुबह 9.30 बजे हुई वार्ता के अनुसार वे उस समय मौके पर थे। हालांकि इस मामले में किसी जनहानि की सूचना नहीं है।

बतादें कि सेना से करीब 4 वर्ष पूर्व रिटायर हुए फौजी 55 वर्षीय अवधेश यादव ने सोमवार दोपहर एक बजे से अपने यादवनगर स्थित आवास पर भवनस्वामी, किराएदार व स्वयं के दर्जन भर से अधिक लोगों को बंधक बनाए हुए है। फौजी को जो भी समझाने का प्रयास करता है उसकी बात सुनकर पहले फालो कहता है। फिर एक-दो-तीन कह फायर झोंक देता है।

बताया गया है कि दिल्ली में किसी कंपनी में सीक्योरिटी गार्ड का काम कर रहा फौजी अवधेश रविवार को अपने दिल्ली के मकान में भी ऐसा ही तांडव दिखा चुका है। वहां से मकानमालिक ने  फौजी के पिता को फोन करने के बाद दिल्ली पहुंचे पिता व अन्य परिजन सोमवार की सुबह करीब 5 बजे ही इसे एटा आवास पर लाये थे। लोगों की मानें तो दिल्ली से एटा तक व अपने आवास पर भी फौजी एक पल के लिए भी अपनी रायफल छोड़ने को तैयार नहीं हुआ और दोपहर 1 बजे तक एटा में भी तांडव दिखाना शुरू कर दिया।

पुलिस के अनुसार मानसिक संतुलन सही नहीं है अवधेश का। पुलिस घेरा बनाकर मकान तक पहुंची। अवधेश के रिस्तेदारों से भी अपील कराई जा रही है। 

अवधेश फायर करते समय कहता है कि पाकिस्तान ने हमला बोल दिया है तुम सबको मैं पाकिस्तान से बचाऊँगा,यह कहकर वह फायर झोंक देता है ।

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सवालों के घेरे में पुलिस की रेस्क्यू टीम

20 घंटे बाद भी बंधकों को फौजी के कब्जे से मुक्त कराने में नाकाम रही एटा पुलिस इस समय खुद सवालों के घेरे में है। लोगों में चर्चा है कि एक सिरफिरे फौजी से जब बंधकों को बीस घंटे बाद भी मुक्त नहीं कराया जा सका तो किसी आपदा या आतंकी गतिविधि के समय तो पुलिस से कुछ भी अपेक्षा ही बेमानी है।

कोतवाली नगर प्रभारी पंकज मिश्र के अनुसार इस मामले में पुलिस द्वारा कोई विशेष कार्यवाही इसलिए नहीं की जा रही कि उन्हें सूचना मिली है कि फौजी द्वारा परिजनों के हाथ का भोजन व चाय आदि ग्रहण कर लिये गये है। ऐसे में प्रतीक्षा है कि उसका सिरफिरापन कुछ और कम हो।  (हि.स.)।

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