शीतकालीन सत्र की बड़ी उपलब्धि रही तीन तलाक विधेयक
नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)। संसद की कार्यवाही आज अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दी गई। शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इसकी घोषणा की। वंदेमातरम् गीत के साथ संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हुई।
लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते हुए सत्तापक्ष व विपक्ष सहित लोकसभा की कार्यवाही संचालित करने वाली सभी विभागों, एजेंसियों व कर्मचारियों का धन्यवाद किया। सोलहवीं लोकसभा का यह तेरहवां सत्र 15 दिसंबर, 2017 को आरंभ हुआ था। शुक्रवार को इसका सत्रावसान हुआ। यह अपेक्षाकृत छोटा सत्र था। इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे और 48 मिनट चलीं। हंगामे और व्यवधानों के चलते 14 घंटे और 51 मिनट का समय नष्ट हुआ। इसके चलते निश्चित समय से 8 घंटे और 10 मिनट देर तक बैठकर चर्चा कराई गई।शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने कुल मिलाकर 16 विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किए गए| इनमें से 12 विधेयक पारित भी हो गए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण विधेयक रहा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017। एक साथ तीन तलाक को गैरकानूनी करार देने वाले इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने को सरकार की बड़ी सफलता माना गया। हालांकि यह विधेयक राज्यसभा में अटक गया है।
तीन तलाक के अलावा लोकसभा में पारित होने वाले अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों में केंद्रीय सड़क निधि (संशोधन) विधेयक, स्थावर संपत्ति अधिग्रहण और अर्जन (संशोधन) विधेयक, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधियां (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक, माल और सेवा कर (राज्यों को प्रतिकर) संशोधन विधेयक, दीवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश-वेतन और सेवा सशर्त संशोधन विधेयक प्रमुख रहे।