पटना, सनाउल हक़ चंचल
पटना। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का आज 80वां जन्मदिन है। टाटा ग्रुप के अंडर 100 से ज्यादा कंपनी आती हैं। टाटा की चाय से लेकर 5 स्टार होटल तक, सूई से लेकर स्टील तक, लखटकिया नैनों कार से लेकर हवाई जहाज तक सब कुछ मिलता हैं। सीएनएन इंटरनेशनल के टॉक एशिया प्रोग्राम के तहत दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था,’ मुझे अपनी लाइफ में 4 बार प्यार हुआ, लेकिन चारों बार हालात ऐसे बने कि किसी न किसी कारण से सिर पर सेहरा बंधते-बंधते रह गया।’ रतन टाटा के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी लाइफ से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।
ऐसा रहा रतन टाटा का करियर…
उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को सूरत में हुआ था। वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं। रतन टाटा की स्कूलिंग मुंबई में हुई है। उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया है। 1961 में टाटा ग्रुप से करियर शुरू करने के बाद वे 1991 में इसी कंपनी के चेयरमैन भी बने। साल 2012 में वो रिटायर हुए थे। 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभालने वाले रतन टाटा ने कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अमेरिका में लड़की से हुआ था प्यार
बता दें कि टाटा की लव लाइफ भी काफी दिलचस्प रही है। उन्हें जिंदगी में चार बार प्यार हुआ, लेकिन शादी नहीं हो पाई। रतन टाटा ने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने चार बार प्यार किया और यह प्यार इतना ज्यादा था कि शादी तक बात आ पहुंची थी। हालांकि, हर बार अंत में शादी नहीं हो सकी। प्यार की इन चार कहानियों में सबसे ज्यादा सीरियस लव स्टोरी टाटा के अमेरिका में रहने से जुड़ी है। टाटा के अनुसार अमेरिका में हुए प्यार के बाद हम शादी करने वाले थे। उसी बीच मैं भारत लौट आया। उसे भी भारत आना था, लेकिन 1962 में भारत-चीन के बीच चल रहे युद्ध के कारण वो भारत नहीं आ पाई और कुछ साल बाद अमेरिका में ही उसने किसी और से शादी कर ली। बता दें कि वे अपनी लव लाइफ के बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते हैं।
बुक्स से दिल्लगी
रतन टाटा बुक लवर हैं। उन्हें लेागों की सक्सेस स्टोरीज पढऩा बहुत पसंद है। वे कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद अब वे अपने इस शौक को समय दे पा रहे हैं।
बचपन से इंटरापर्सनल
उन्हें बचपन से ही कम बातचीत पसंद है। वे अपने सहयोगियों से भी सिर्फ औपचारिक बात करते हैं। उनकी हॉबीज से पता चलता है कि उनके अंदर कितना कुछ दबा-छिपा है।