रसगुल्ले की लड़ाई में ओड़िशा से जीत गया पश्चिम बंगाल…….
नई दिल्ली: कहते हैं एक दुसरे की कडवाहट मिठाई से दूर की जाती हैं लेकिन जब दो राज्य के बिच मिठाई को ही लेकर कडवाहट आ जाए तो क्या कहेंगे . जी हा वो दो राज्य हैं पश्चिम बंगाल और ओड़िशा . इन दोनों राज्यों में रसगुल्ले को लेकर एक विवाद चल रहा था की रसगुल्ले की शुरुआत पश्चिम बंगाल में हुई या ओडिशा में . आखिरकार उसका फैसला हो गया , और मुह मीठा हुआ पश्चिम बंगाल का .
जियोग्राफिकल इंडिकेशन के चेन्नई ऑफिस ने इस विवाद को सुलझा दिया है और ये फैसला कर दिया है कि रसगुल्ला पश्चिम बंगाल का है न कि ओडिशा का. बता दें कि जियोग्राफिकल इंडिकेशन एक तरह से इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी का फैसला करती है और ये बताती है कि कोई प्रोडक्ट्स किस इलाके, समुदाय या समाज का है.
Sweet news for us all. We are very happy and proud that #Bengal has been granted GI ( Geographical Indication) status for Rosogolla
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 14, 2017
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने इस फैसले को ट्विटर पर साँझा किया .
साल 2015 से जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्रेशन को लेकर ओडिशा और बंगाल के बीच विवाद कायम था. उस वक्त ओडिशा के एक मंत्री ने कहा था कि इस बात के सबूत हैं कि रसगुल्ला राज्य में पिछले 600 सालों से मौजूद है. वहीं इस मामले में बंगाल का दावा था कि 1868 में नबीन चंद्र दास नाम के शख्स ने पहली बार रसगुल्ला बनाया था, जो मिठाई बनाने के लिए खास तौर पर जाने जाते थे.
जबकि ओडिशा ने ऐतिहासिक रिसर्च के हवाले से दावा किया था रसगुल्ला पहली बार पुरी में बना और उसका पहला अवतार खीर मोहन था और उससे ही पहला रसगुल्ला विकसित हुआ.